केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 9 करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफ़र करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया है। अपने ट्वीट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि गत 6 वर्षों से मोदी सरकार ने अपना हर निर्णय देश के गरीबों, किसानों और वंचितों को केंद्र में रख कर लिया है। जिससे उन्हें उनका अधिकार मिला और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आये। पीएम किसान भी एक ऐसी ही अभूतपूर्व योजना है जिससे मोदी जी हर वर्ष किसानों के खातों में 6000 रुपये भेजते हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पीएम किसान की एक और किश्त जारी करते हुए 9 करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये डाले जिससे वह अपनी कृषि सम्बंधित आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। किसानों के सशक्तिकरण के प्रति मोदी जी के इस समर्पण और संकल्प के लिए मैं उनका अभिनन्दन करता हूँ।
इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री ने आज दिल्ली के महरौली में किसानों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का किसानों को संबोधन सुना। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है। सभी किसानों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ मोदी सरकार की सभी किसान कल्याण नीतियों व कृषि सुधारों में अपना विश्वास व्यक्त किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब माननीय प्रधानमंत्री जी किसान सम्मान निधि योजना लेकर आये थे, तब विपक्ष के लगभग तमाम नेताओं ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि किसानों का ऋण माफ करो। श्री शाह ने कहा कि देश में जब 10 वर्षों तक यूपीए सरकार थी तब उन्होंने 10 वर्षों में केवल एक बार और वह भी मात्र 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज ही माफ़ किया जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ढाई वर्ष के अंदर ही देश के लगभग 10 करोड़ किसानों को अब तक 95,000 करोड़ रुपये सीधे उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये हैं।
श्री अमित शाह ने 2014 से पहले और बाद के कृषि संबंधित आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2013-14 में खाद्यान्न का उत्पादन केवल 265 मिलियन टन था जबकि आज यह बढ़ कर 296 मिलियन टन हो गया है। 2013-14 में कृषि बजट केवल 21,933 करोड़ रुपये था जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज कृषि बजट बढ़ कर 1,34,399 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होने कहा कि जो कृषि बजट नहीं बढ़ा पाए, आज वे हमसे हिसाब मांग रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि मैं आज देश भर के किसान भाइयों को कहना चाहता हूँ कि विपक्ष के नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं है, वे केवल झूठ फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई बार स्पष्ट किया है और आज मैं पुनः यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि एमएसपी थी, है और हमेशा रहेगा। वर्षों से किसानों की मांग थी कि उनकी फसल पर लागत का कम से कम डेढ़ गुना उसकी एमएसपी हो लेकिन 70 साल तक सरकारों ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। किसानों को फसल उत्पादन के लागत मूल्य का डेढ़ गुना एमएसपी देने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि 2009-2014 के बीच धान और गेहूं की खरीद के लिए केवल लगभग 3,74,000 करोड़ रुपये खर्च होते थे जबकि 2014-2019 के बीच 8,22,000 करोड़ रुपये का धान और गेहूं खरीदा गया है। इसके अतिरिक्त मोदी सरकार ने सॉइल हेल्थ कार्ड, नीम कोटेड यूरिया जैसे कई इनिशिएटिव लिए जिसका फायदा देश के किसानों को मिला। लगभग 1,000 मंडियों को ऑनलाइन जोड़ कर देश भर में किसानों को सबसे ज्यादा भाव मिले इसके लिए काम किया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ देश के साढ़े छः करोड़ से अधिक किसानों को मिला। लगभग 10,000 किसान उत्पादक संगठन बनाए गए और इसके लिए 7,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। शहद उत्पादन के लिए और 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के माध्यम से 55 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई योजना से सींचित करने का काम किया गया।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज विपक्ष कृषि सुधार कानूनों के नाम पर जो हो-हल्ला मचा रहा है, उस पर मैं देश भर के किसान भाइयों से कहने आया हूँ कि ये तीनों कृषि सुधार क़ानून किसानों के सर्वथा हित में हैं, इससे किसानों का कोई नुकसान नहीं होने वाला है। न मंडियां बंद होंगी और न ही किसानों की एक इंच भूमि कोई छीन सकता है। जब तक श्री नरेन्द्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं, किसान भाइयों की भूमि को कोई भी कॉर्पोरेट्स छीन नहीं सकता। मंडियां भी चालू रहेंगी। उन्होने कहा कि मैं विपक्ष के नेताओं से पूछना चाहता हूँ कि इन कृषि सुधार कानूनों का कौन सा प्रावधान आपको बताता है कि मंडियां बंद होने वाली है। हिम्मत है तो आ जाइए डिबेट के लिए, हमारे सांसद आपसे चर्चा करने को तैयार हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज देश भर के किसान कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी को फोन कर उनसे मिलना चाहते हैं और इन कृषि सुधार कानूनों को अपना समर्थन देना चाहते हैं। तीनों कृषि सुधार कानूनों को वे अपना समर्थन दे रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि ये कृषि सुधार कानून किसानों के हित में है। विपक्ष की बात छोडिये, उनका तो राजनीतिक स्वार्थ है लेकिन फिर भी, यदि किसान संगठनों को लगता है कि इन कृषि कानूनों के एक प्रावधान से भी किसानों का अहित होगा तो सरकार उस प्रावधान पर खुले मन से किसान संगठनों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है। आप उन प्रावधानों को लेकर आइये, चर्चा कीजिये। यदि कोई भी प्रावधान किसान विरोधी है तो श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर विचार करने के लिए तैयार है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों के कल्याण के लिए सदैव काम करती रहेगी और किसानों की आय को दुगुना करके ही दम लेगी।