नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के चीफ फाइनेंशियल अफसर को आज कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गए फोरेंसिक ऑडिटर को सभी दस्तावेज एक दिन के अंदर सौंपने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑडिटर को और वक्त दिये जाने की मांग ठुकरा दी है। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट की फटकार लगने के बाद आज आम्रपाली के चीफ ऑडिटर वाधवा की याददाश्त लौट आई। वे कोर्ट द्वारा पूछे गए हर सवाल का दनादन जवाब दे रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने वाधवा से पूछा कि क्या आप भी इस फ्राड के भागीदार हैं? क्या आपका कंपनी में कोई पद है? हम आपका कैरियर क्लोज कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान आम्रपाली के ऑडिटर ने कहा कि मी लार्ड, क्लोजिंग टाइम है ( वित्तीय वर्ष के तीसरे क्वार्टर की), थोड़ा टाइम दे दीजिए । तब कोर्ट ने कहा कि आप तो ख़ुद अपना कैरियर क्लोज कर रहे है, आपके पास सिर्फ 24 घण्टे का वक़्त है, दस्तावेज जमा कराने के लिए।
सुप्रीम कोर्ट ने अाम्रपाली को निर्देश दिया कि 2008 से अभी तक जितने भी कम्प्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल हुआ है, वह सब सुप्रीम कोर्ट के फॉरेन्सिक ऑडिटर्स को सौंपा जाए। कोर्ट ने कहा कि पिछले दस सालों के आम्रपाली ग्रुप के सभी कंपनी और सभी डायरेक्टर्स के सभी खातों के बैंक स्टेटमेंट फॉरेंसिक ऑडिटर्स को 3 दिन में देना होगा । आम्रपाली में कुल 102 डायरेक्टर हैं जबकि आम्रपाली ने 92 डायरेक्टर बताया था और रिपोर्ट में 86 डायरेक्टर दिखाया था ।
पिछली 24 अक्टूबर को फोरेंसिक ऑडिटर्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आम्रपाली ने फंड डायवर्ट किया है। ग्रुप के एक कंपनी को फ्लैट खरीददारों से 1040 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें से 400 करोड़ उसने हाउसिंग कंपनी में खर्च किए बाकी 640 करोड़ को फंड डायवर्जन कर दिया गया।
फोरेंसिक ऑडिटर ने कोर्ट को बताया था आम्रपाली के सीएफओ जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं । वे कहते हैं कि उन्हें अपने काम के बारे में कुछ भी याद नहीं है लेकिन उन्हें इसके अलावा सब कुछ याद रहता है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विचित्र बात है। क्या उन्हें अपना नाम याद है? कोर्ट में आदेश दिया कि सीएफओ को व्यक्तिगत रूप से मेमोरी टेस्ट के लिए बुलाया जाए।
फोरेंसिक ऑडिटर ने कहा था कि उनकी जान का खतरा भी हो सकता है लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि अगर आपको इसकी थोड़ी सी भी आशंका है तो आप मामले से जुड़े वकील को बताएं, हम तुरंत इस मामले में संज्ञान लेंगे।
11 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल शर्मा और 2 निदेशकों की पुलिस हिरासत 15 दिनों के लिए बढ़ा दी थी। हालांकि कोर्ट ने उन्हें नोएडा के सेक्टर 62 के होटल एसेंट में पुलिस हिरासत में रहने की छूट दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक दस्तावेज फोरेंसिक ऑडिटर को नहीं मिल जाते, उनकी पुलिस हिरासत बनी रहेगी। कोर्ट ने कहा था कि अब ये निदेशकों पर निर्भर करता है कि वो अभी कब तक खुद को दंडित करना चाहते हैं। रॉयल बुलेटिन