लखनऊः प्रदेश की महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने आज के0जी0एम0यू0, लखनऊ के कलाम संेटर में आकस्मिक चिकित्सा प्रबन्धन के लिए प्रदेश के 75 जनपदों से आये हुए आकस्मिक चिकित्सा अधिकारियों के 06 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 के साथ इमरजेन्सी क्राइसेस मैनेजमेण्ट साॅल्यूशन (म्ब्डै) द्वारा आयोजित किया गया है।
प्रो0 जोशी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश के 75 जनपदों के चिकित्सकों का आकस्मिक चिकित्सा आपदा के प्रबन्धन और समाधान के लिए जुड़ना एक अभिनव पहल है। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रकार के प्रशिक्षण का पहला आयोजन उ0प्र0 में किया जा रहा है। उन्होंने कहा जनसंख्या के दृष्टि से उत्तर प्रदेश में चिकित्सा आवश्यकतायें भी बड़ी हैं और आकस्मिकता के समय होने वाली मृत्यु भी ज्यादा होती है। ऐसे में इस प्रकार के संघ का गठन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सकों से यहाँ के चिकित्सकों का संयोजन निश्चित रूप से गहन चिकित्सा आवश्यकताओं की पूर्ति को बढ़ायेगा। उन्होंने कहा जीवनरक्षा शीर्ष प्राथमिकता का विषय है और ऐसे में ‘ऊर्जा‘ (यूनीफाइड रिसोर्स जंक्चर फाॅर एकेडमिक्स) का संचालन सराहनीय है।
इस अवसर पर ईसीएमएस (इमरजेन्सी क्राइसेस मैनेजमेण्ट साॅल्यूशन) की डायरेक्टर डाॅ0 अंकिता राय ने जानकारी दी कि मंत्री जी द्वारा शुभारम्भ किये गये इस कार्यक्रम ‘ऊर्जा‘ (यूनीफाइड रिसोर्स जंक्चर फाॅर एकेडमिक्स) में आकस्मिक चिकित्सा अधिकारियों को 22 से 27 अक्टूबर 2018 तक 06 दिन प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से सड़क दुर्घटना, ज़हर खुरानी (किसी भी प्रकार के विष का दिया जाना), हृदयाघात, मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक), मातृ एवं शिशु आकस्मिकता तथा बेसिक डिजास्टर प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक 05 देशों कनाडा आॅस्ट्रेलिया, यूएसए तथा सिंगापुर के चिकित्सकों से आॅनलाइन सम्बद्ध रहेंगे और गम्भीर आकस्मिक चिकित्सीय आवश्यकता के समय समाधान निकालने के लिए आपसी वार्ता कर सकेंगे। उन्होेंने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आकस्मिक मृत्यु को कम करना, अस्पतालों में लम्बे समय तक भर्ती कम करना, छोटे अस्पतालों से बड़े अस्पतालो में रिफर करने की संख्या घटाना है।