नई दिल्ली: आज चेन्नई में क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन में मीडिया को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री आनंद कुमार ने अपने संगठन की भूमिका के बारे में बताया, जिसकी स्थापना के सिर्फ दो साल पूरे हुए हैं। 18 जुलाई, 2014 को अस्तित्व में आने के बाद एनएचआईडीसीएल 1 जनवरी, 2015 को उस समय कार्यरत हो गई, जब उसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से प्रथम परियोजना हस्तांतरित की गई। महज एक साल एवं आठ माह पूरे होने पर ही इसने 10,000 करोड़ की अनुमानित लागत से 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबाई वाली 34 परियोजनाएं पूरी कर लीं। वर्तमान में एनएचआईडीसीएल 80,000 करोड़ की अनुमानित लागत से 8000 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबाई वाली 130 परियोजनाओं का संचालन कर रही है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि दक्षता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही इसके मार्गदर्शक सिद्धांत है। उन्होंने कहा कि यह पूर्वोत्तर के सात राज्यों, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा सृजित करने की अथक कोशिश कर रही है। एनएचआईडीसीएल सड़कों के निर्माण के लिए नेपाल सरकार को परामर्श भी देने जा रही है।
श्री आनंद कुमार ने बताया कि वे दक्षता एवं पारदर्शिता के लिए इलेक्ट्रॉनिक टूल्स जैसे कि ई-ऑफिस, ई-एक्सेस, ई-पेस, व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं।