आज, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहला “स्वच्छ सुजल प्रदेश” बन गया है और पुडुचेरी ने स्वयं को ‘हर घर जल’ सत्यापित संघ राज्य क्षेत्र घोषित किया है।
15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी के क्रमशः 46% और 81% ग्रामीण परिवारों के पास नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पेयजल की सुविधा थी। कोविड-19 महामारी के चलते विभिन्न व्यवधानों और चुनौतियों के बावजूद, पंचायत प्रतिनिधियों, पानी समितियों और दोनों संघ राज्य क्षेत्रों के जिला अधिकारियों के लगातार प्रयासों से इनके सभी ग्रामीण परिवारों में कार्यशील नल के पानी के कनेक्शन का प्रावधान किया गया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी 62,037 ग्रामीण परिवारों और पुडुचेरी के 1,14,908 ग्रामीण परिवारों में अब नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी तक सुविधा है। इसके अलावा, सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों, आश्रमशालाओं और अन्य सरकारी कार्यालयों सहित सार्वजनिक संस्थानों में अब नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की सुविधा है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 266 गांवों और पुडुचेरी के 246 गांवों के लोगों ने ग्राम सभा में एक प्रस्ताव पारित कर अपने गांवों को ‘हर घर जल’ के रूप में सत्यापित किया है कि हर घर को निर्धारित गुणवत्ता के पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और एक भी घर इस सुविधा से वंचित नहीं है। उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी नल का पानी मिल रहा है।
जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है जिसके अनुसार सबसे पहले फील्ड इंजीनियर ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के संबंध में एक पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है। ग्रामीण इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रत्येक घर को निर्धारित गुणवत्ता के पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और गाँव में वितरण पाइपलाइन से कोई रिसाव नहीं है।
जल जीवन मिशन केवल जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर नहीं, बल्कि जल सेवा वितरण पर केंद्रित है। जल जीवन मिशन का सिद्धांत यह है कि ‘कोई भी वंचित नहीं रहे’, इस प्रकार यह सुनिश्चित करता है कि हर घर को उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना उसे नल के पानी की आपूर्ति मिले। जल जीवन मिशन माताओं और बहनों को दैनिक घरेलू जरूरतों के लिए पानी लाने की सदियों पुरानी कड़ी मेहनत से मुक्ति और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रयास कर रहा है। मिशन ग्रामीण परिवारों के लिए ‘जीवन की सुगमता तथा गौरव और गरिमा में वृद्धि कर रहा है।
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के दृष्टिकोण को अपनाते हुए 114 जिलों, 1,284 ब्लॉक, 75,271 ग्राम पंचायतों और 1,57,796 गांवों को ‘हर घर जल’ के रूप में संसूचित किया गया है। तीन राज्यों – गोवा, तेलंगाना और हरियाणा और तीन संघ राज्य क्षेत्रों- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमण एवं दीव और पुडुचेरी ने 100% नल जल कवरेज प्रदान किया है।
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी अपने सन्देश में ऊलेखित किया की देश का प्रथम ‘स्वच्छ सुजल प्रदेश’ बनने पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के सभी लोगों को हार्दिक बधाई। इस उपलब्धि को हासिल करने में सभी पंचायत प्रतिनिधियों व नागरिकों के प्रयास सराहनीय हैं। अब अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह खुले में शौच से मुक्त है और यहाँ के सभी गांव के हर घर तक, नल के माध्यम से पर्याप्त और सुरक्षित जल भी पहुंच रहा है। पिछले कुछ वर्षों में जल जीवन मिशन और स्वच्छता के लिए किए गए ठोस कार्यों में जन भागीदारी की बड़ी भूमिका रही है। अमृत काल में देश जागरूकता के साथ ‘सबका प्रयास’ के मंत्र पर चलते हुए प्रगति की राह पर अग्रसर है। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के सभी लोगों को भारत का प्रथम स्वच्छ सुजल प्रदेश बनने कि एक बार पुनः हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं ।
केंद्रीय मंत्री, श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल करने में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की भूमिका पर प्रकाश डाला। द्वीपों ने 22,506 आईएचएचएल और 309 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (सीएससी) के निर्माण के साथ मई, 2018 में ओडीएफ का दर्जा हासिल किया था। उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की उपलब्धि की सराहना की क्योंकि अपने सभी 189 गांवों को ओडीएफ प्लस ‘मॉडल’ श्रेणी के तहत घोषित किया है और विशेष रूप से तथ्य यह है कि इन गांवों का तृतीय पक्ष सत्यापन भी पूरा कर लिया गया है। “मैं द्वीप के सभी निवासियों, ग्राम पंचायतों, अधिकारियों और अन्य हितधारकों की सराहना कराता हूं और बधाई देता हूं जिन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने में अत्यधिक और अथक योगदान दिया। यह उपलब्धि कई अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को भी आने वाले समय में इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।” साथ ही केंद्रीय मंत्री ने लोगों से कचरा अभियान की धरोहर पर विशेष ध्यान देने के साथ चल रहे ‘स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान में पूरे दिल से भाग लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के तहत केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने द्वीपों के विभिन्न ठोस और तरल कचरा प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) पहलों यानी आईएचएचएल सेटअप, जैविक कचरा कम्पोस्टिंग साइट और एसडब्ल्यूएम क्लस्टर का दौरा किया, जहां उन्होंने वृक्षारोपण भी किया और लाभार्थियों और पीआरआई के साथ बातचीत की।