नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों में अंत:राज्य पारेषण प्रणाली के गठन को मंजूरी दे दी है।
इस पर अनुमानत: 8548.68 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसमें राष्ट्रीय हरित ऊर्जा कोष का 3419.47 करोड़ रुपये (परियोजना की कुल अनुमानित लागत का 40 प्रतिशत) योगदान होगा।
परियोजना के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों में इन सात राज्यों में 7800 सीकेटी-किमी. (सर्किट किलोमीटर) से अधिक पारेषण लाइनें स्थापित कर कुल करीब 17100 एमवीए (मेगा वोल्ट एम्पीयर) रूपांतरण क्षमता के साथ विभिन्न वोल्टेज स्तरों पर 48 नए ग्रिड सब-स्टेशनों की स्थापना करना शामिल है।
अंत:-राज्य पारेषण प्रणाली पर लागत को केएफडब्ल्यू (कुल लागत का 40 प्रतिशत), एनसीईएफ अनुदान (कुल लागत का 40 प्रतिशत) और शेष 20 प्रतिशत राज्य के योगदान के रूप में पूरा किए जाने का प्रस्ताव है।
ये राज्य नवीकरणीय संसाधनों में समृद्ध हैं और विशाल क्षमता वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। अंत:राज्य पारेषण प्रणाली के गठन से उत्पादन