नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने आज नई दिल्ली में ‘कारोबार में सुगमता’ के मामले में राज्यों की अंतिम रैंकिंग जारी की। इस मामले में शीर्ष पायदान पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं हरियाणा हैं। झारखंड और गुजरात ने इस मामले में क्रमश: चौथी एवं पांचवीं रैंकिंग हासिल की है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डीआईपीपी ने विश्व बैंक के सहयोग से ‘कारोबार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी)’ के तहत समस्त राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए वार्षिक सुधार सर्वे किया। इस सर्वे का उद्देश्य दक्ष, प्रभावकारी एवं पारदर्शी ढंग से केन्द्र सरकार के विभिन्न नियामकीय कार्यकलापों एवं सेवाओं की डिलीवरी को बेहतर करना है।
वर्ष 2017 तक सुधार योजना में शामिल कार्य बिन्दुओं की संख्या को 285 से बढ़ाकर 372 कर दिया गया है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने श्रम, पर्यावरणीय मंजूरियों, एकल खिड़की प्रणाली, निर्माण परमिट, अनुबंध पर अमल, संपत्ति के पंजीकरण एवं निरीक्षण जैसे क्षेत्रों में अपने नियम-कायदों एवं प्रणालियों को आसान बनाने के लिए अनेक सुधार लागू किए हैं। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने पंजीकरण एवं मंजूरियों से जुड़ी समय सीमा पर अमल के लिए सार्वजनिक सेवा डिलीवरी गारंटी अधिनियम लागू किया है।
‘बीआरएपी 2017’ के तहत वर्तमान आकलन एक संयुक्त स्कोर पर आधारित है जिसमें ‘सुधार साक्ष्य स्कोर’ और ‘फीडबैक स्कोर’ शामिल हैं। ‘सुधार साक्ष्य स्कोर’ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा अपलोड किए गए साक्ष्यों पर आधारित है, जबकि ‘फीडबैक स्कोर’ विभिन्न व्यवसायों के लिए मुहैया कराई गई सेवाओं के वास्तविक इस्तेमालकर्ताओं (यूजर) से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है।
डीआईपीपी ने पहली बार फीडबैक लेने की शुरुआत की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लागू किए गए विभिन्न सुधार वास्तव में जमीनी स्तर पर पहुंच गए हैं। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा मुहैया कराई गई सेवाओं के 50,000 से भी अधिक यूजर्स में से चयन किए गए वास्तविक इस्तेमालकर्ताओं से आमने-सामने साक्षात्कार लेकर यह फीडबैक संग्रहीत किया गया। 372 सुधारों में से 78 सुधारों को इस सर्वे के लिए चिन्हित किया गया। 23 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में निजी क्षेत्र के 5000 से भी अधिक इस्तेमालकर्ताओं ने इस सर्वे के दौरान अपने-अपने अनुभव साझा किए जिनमें देश भर के 4300 कारोबारी एवं 800 वास्तुकार, वकील एवं विद्युत ठेकेदार शामिल हैं।
भारत में ‘कारोबार में सुगमता’ के लिए राज्यों द्वारा लागू किए जा रहे सुधारों ने अन्य देशों जैसे कि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया में भी इस मामले में दिलचस्पी काफी बढ़ा दी है जिससे यह साबित होता है कि कारोबारी एवं नियामकीय माहौल बेहतर करने के लिए इस तरह के सुधार अत्यंत आवश्यक हैं।