केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी से चर्चा के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) से पुनः जुड़ने का निर्णय लिया है। श्री तोमर ने राज्य सरकार के इस कदम की सराहना की है। इस महत्वपूर्ण फैसले से राज्य के 40 लाख से अधिक किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बीमा रूपी सुरक्षा कवच मिलेगा।
श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के सुझाव अनुसार पीएमएफबीवाई को सरल व सुविधाजनक बनाया है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर किसानों की स्थिति सुधारते हुए उन्हें समृद्ध बनाने और कृषि को उन्नत खेती के रूप में बदलने के लिए निरंतर काम कर रही है।
बैठक में श्री रेड्डी ने राज्य में पीएमएफबीवाई को फिर से लागू करने को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। श्री रेड्डी ने कहा कि केंद्र से चर्चा के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों को पीएमएफबीवाई से जोड़ना तय किया है।
आंध्र प्रदेश ने खरीफ-2022 सीजन से पीएमएफबीवाई को लागू करने का निर्णय है। केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश सहित देशभर के किसानों को उनकी आय- आजीविका सुरक्षित करके सशक्त बनाने के लिए एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर किसान के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। आंध्र प्रदेश एवं अन्य राज्यों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा फरवरी-2020 में इस योजना को नया रूप देते हुए नई सुविधाओं, जैसे- सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक नामांकन, उपज अनुमान में प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग, जोखिम कवरेज चुनने के लिए राज्यों को विकल्प एवं प्रचलित जोखिम प्रोफाइल के अनुसार बीमा राशि का भुगतान, प्रशासनिक खर्चों के लिए 3% का प्रावधान किया गया।
गत 7 जुलाई को केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज अहूजा की अध्यक्षता में एक टीम ने मुख्यमंत्री के समक्ष योजना को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया था।
आंध्रप्रदेशमेंपीएमएफबीवाई औरपुनर्गठितमौसमआधारितफसलबीमायोजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) काखरीफ-2016 सेखरीफ-2019 तकसफलतापूर्वककार्यान्वयनहुआहै।
आज की बैठक में आंध्र प्रदेश की विशेष मुख्य सचिव श्रीमती पूनम मालकोंडइया, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री अभिलक्ष लिखी ने भी संबोधित किया। योजना के सीईओ व संयुक्त सचिव श्री रितेश चौहान ने स्वागत भाषण व प्रेजेन्टेशन दिया। बैठक में केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।