देहरादून: आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के हित में राज्य सरकार ने हरसम्भव निर्णय लिया है। इनके लिए 5 करोड़ रूपए का कल्याणकोष गठित किया जा रहा है। अंशदायी बीमा योजना भी लागू करने के लिए राज्य सरकार तैयार है। गुरूवार को बीजापुर हाउस में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 5500 रूपए मानदेय दिया जा रहा है।
इसमें केंद्र का योगदान 2700 रूपए जबकि राज्य का योगदान 2800 रूपए है। केंद्र सरकार योजनाओं के फण्डिंग पैटर्न में परिवर्तन कर रही है। यदि यह स्पष्ट हो जाता है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में केंद्र सरकार पूर्व के अनुपात में ही राज्यों को फण्डिंग को जारी रखती है तो राज्य स्तर पर मानदेय में वृद्धि पर राज्य सरकार विचार कर सकती है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से अपना विरोध प्रदर्शन वापिस लेने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार के विŸाीय संसाधन सीमित होते हुए भी 5 करोड़ रूपए का आंगनबाड़ी महिला कल्याण कोष बनाया जा रहा है। कार्यकत्रियों के लिए अंशदायी बीमा योजना भी प्रारम्भ करने पर विचार किया जा रहा है। इनसे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां काफी लाभान्वित होंगी। जहां तक मानदेय की बात है, राज्य सरकार का योगदान केंद्र से अधिक है। केंद्र सरकार ने अनेक योजनाओं में फण्डिंग पैटर्न को 90ः10 के अनुपात से बदलकर 50ः50 का अनुपात कर दिया है। जबकि अनेक योजनाओं को पूरी तरह से राज्यों पर छोड़ दिया है। अभी आंगनबाड़ी के संबंध में केंद्र सरकार का रूख स्पष्ट नहीं है। यदि केंद्र सरकार इनके मानदेय के लिए फण्डिंग पैटर्न को पूर्ववत ही बनाए रखती है तो राज्य सरकार अपने स्तर से मानदेय को बढ़ाने पर विचार कर सकती है।