देहरादून: उत्तराखंड बच्चों में कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए भले ही आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हों, लेकिन यह समस्या आज भी बड़ी संख्या में व्याप्त है। उत्तराखंड में भी इस स्कीम के तहत करोड़ों की धनराशि खर्च की जा रही है, लेकिन कुपोषित बच्चों की संख्या आज भी सरकारी दावों को मुंह चिढ़ा रही है।
प्रदेश में मौजूदा वक्त में कुपोषित बच्चों की संख्या पचास हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। जमीनी स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीरें तो और भी चिंताजनक हैं, देहरादून के राजीव नगर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र का भगवान ही मालिक है, लापरवाही इतनी कि कोई भी डर जाए।
अपनी जान जोखिम में डालकर यह बच्चे भरपेट भोजन का इंतजार करते हैं। कहने को तो इनका पेट भरने और पौष्टिक आहार देने के लिए तमाम सरकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन कुपोषित बच्चों का आंकड़ा इन योजनाओं को मुंह चिढ़ा रहा है।
उत्तराखंड में भी इस समस्या से निपटने के लिए समेकित बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन इन केंद्रों की बदहाली कैमरे पर साफ बयां हो रही हैं।