लखनऊ: प्रदेश में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी रूप से संचालन के लिए 5286.93 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की 87वीं बैठक में प्रदान की गई है। वर्ष 2016-17 में उपयोग किए जाने हेतु इस धनराशि को मण्डल तथा जनपद स्तर पर संचालित विभिन्न गतिविधियों के लिए जारी करने कार्यवाही की जा रही है।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष श्री अरूण कुमार सिन्हा ने बताया कि स्वीकृत कार्ययोजना के अन्तर्गत प्रदेश में उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के चिन्हीकरण, लाइन लिस्टिंग एवं फालोअप हेतु ए0एन0एम0 तथा आशा को प्रोत्साहन धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य हेतु 1500 करोड़ रुपये की धनराशि समस्त जनपदों को अवमुक्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर आच्छादन हेतु ‘‘मातृत्व सप्ताह’’ के अंतर्गत दो चक्र मनाये जाएंगे। प्रथम चक्र 21 से 28 सितम्बर, 2016 के मध्य चलाया जाएगा, जिसमें 18 मण्डलीय मुख्यालयों पर गर्भावस्था में डायबिटीज मेलिटस की जाँच, प्रशिक्षण व डायबिटीज मेलिटस वाली गर्भवती महिलाओं के प्रबन्धन हेतु 2717.34 लाख रुपये जनपदों को अवमुक्त किये जायेंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में फ्री डायग्नोस्टिक सर्विसेज, सी0टी0 स्कैन, एम0आर0आई0, टेली रेडियोलाॅजी, नेशलनल डायलिसिस सेवायें उपलब्ध कराये जाने हेतु 14454.06 लाख रुपये की धनराशि एकमुश्त अनुमोदित की गई है। बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर किये जाने के उद्देश्य से जनपद/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों/मेडिकल कालेजों में क्रियाशील/क्रियाशील किये जा रहे 76 पोषण पुनर्वास केन्द्रों ;छत्ब्ेद्ध के संचालन तथा मानव संसाधन के मानदेय हेतु 1714.55 लाख रुपये की धनराशि सम्बन्धित जनपदों को मिलेगी।
श्री सिन्हा ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रदेश में होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित आशाओं द्वारा 42 दिन तक 6 से 7 बार गृह भ्रमण कर नवजात शिशु एवं मां की देखभाल की जाती है। इस कार्य हेतु आशाओं को प्रतिपूर्ति राशि प्रदान किये जाने हेतु 10563.00 लाख रुपये की धनराशि की मंजूरी प्रदान की गई है। प्रदेश के 30 जिला अस्पतालों, जहां इंटरनेट एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा मौजूद है, को ई हास्पिटल इम्पलीमेशन के कार्यों पर 3000 लाख रुपये की धनराशि प्रथम चरण में व्यय किये जाने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम, नेशनल प्रोग्राम फार प्रिवेंशन एन्ड कन्ट्रोल आफ कैंसर, डायबिटिज, कार्डियोवेस्कुलर डिजीजेस एन्ड स्ट्रोक नेशनल प्रोग्राम फाॅर हेल्थकेयर एल्डर्ली नेशनल प्रोग्राम फाॅर प्रिवेन्शन एण्ड कन्ट्रोल आॅफ डेफनेस पर 10518.48 लाख रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक एवं कार्यकारी समिति के सदस्य सचिव, श्री आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के 4 मेडिकल काॅलेजों में 45 लाख रुपये प्रति एच0पी0एल0सी0 मशीन की दर से 04 एच0पी0एल0सी0 मशीनों के क्रय के लिए कुल 180 लाख रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले जनसमुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर मानव संसाधन, प्रशिक्षण कार्यक्रम, आउटरीच कैम्प के आयोजन, भवन किराये पर लेने तथा औषधियों की उपलब्धता इत्यादि पर 19136 लाख रुपये खर्च करने की संस्तुति की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के चिन्हित 7 जनपदों में आयुष विंग के निर्माण कार्य एवं स्थापना हेतु 210 लाख रुपये तथा आईईसी-बीसीसी गतिविधियों के लिए 34.16 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने यह भी बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सम्पादित होने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की आई0ई0सी0/बी0सी0सी के कार्यों पर 10631.63 लाख रुपये पर व्यय किया जाना प्रस्तावित है।