लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाणिज्यकर कमिश्नर श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर, वाणिज्यकर, उ0प्र0 को एक परिपत्र भेजकर 5 लाख रुपये से कम वार्षिक टर्न ओवर वाले व्यापारियों को पंजीकरण कराने के लिए बाध्य न करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने व्यापारियों का पंजीयन बढ़ाने के कार्य में स्थानीय व्यापार मण्डल/व्यापारिक संगठनों का सहयोग लेने के भी निर्देश दिए हैं।
श्री मेश्राम ने समस्त जोनल अपर आयुक्तों वाणिज्यकर को भेजे गये परिपत्र में कहा है कि शासन के संज्ञान में आया है कि पंजीयन बढ़ाने के उद्देश्य से नियत किये गये पंजीयन लक्ष्यों की पूर्ति हेतु वैट अधिनियम-2008 की धारा-3 की उप धारा-4 में वर्णित पंजीयन सीमा (कर योग्य वस्तुओं के क्रय एवं विक्रय से संबंधित वार्षिक टर्नओवर 05 लाख रुपये) से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को पंजीयन कराने के लिए बाध्य करते हुए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। अधिक टर्नओवर होने का आधार लेकर छोटे व्यापारियों को पंजीयन के लिए बाध्य करना लक्ष्यों की पूर्ति के उद्देश्य तथा विभाग एवं शासन की मंशा के अनुरूप नहीं है।
श्री मेश्राम ने निर्देशित किया है कि पंजीयन हेतु नियत लक्ष्यों की पूर्ति के क्रम में उपर्युक्त पंजीयन योग्य टर्नओवर की सीमा से कम टर्नओवर के व्यापारियों को पंजीकृत कराने के लिए बाध्य न किया जाये। टर्नओवर के आंकलन के लिए किराया नामा, विद्युत विभाग के बिल, स्थानीय निकायों के सम्पत्ति रजिस्टर एवं कर योग्य वस्तुओं के दैनिक क्रय विक्रय के संबंध में जारी बिल्स, कैश मेमो आदि की सहायता ली जा सकती है।
श्री मेश्राम ने सभी जोनल एडीशनल कमिश्नर वाणिज्यकर से कहा है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को तद्नुसार संसूचित करते हुए उन्हें प्रेरित करें कि पंजीयन बढ़ाने के कार्य में स्थानीय व्यापार मण्डल/व्यापारिक संगठन का भी सहयोग लिया जाये और अधिकतम पंजीयन सुनिश्चित किया जायें, ताकि पंजीकृत व्यापारी विभाग की बीमा योजना का समुचित लाभ प्राप्त कर सके।
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