लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल व उनके निर्देश पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों, संकुल स्तरीय संगठनों व ग्राम स्तरीय संगठनों से जुड़ी महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर निर्भर बनाने लिये प्रभावी व ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा प्रेरणा कैंटीन खोली जा रही हैं
इससे स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ साथ, आमदनी बढ़ने से अपने घर-परिवार का आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक विकास और अधिक बेहतर ढंग से कर सकेंगी। मरीजों सहित तीमारदारो को भी इन दीदी कैफे से ताजा भोजन और नास्ता मिल रहा है। महिलाओं की आर्थिक स्थिति को संवारने वाला यह महत्वपूर्ण कदम है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने मन्शा जाहिर की है कि इन प्रेरणा कैंटीनों में मोटे अनाज के व्यंजन भी बनाए जांय तो और अधिक बेहतर होगा।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती सी० इन्दुमती ने बताया कि समूहों की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिये विभाग द्वारा हर सम्भव कदम उठाए जा रहे हैं और समूहों की महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों से जोड़ कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। मिशन निदेशक श्रीमती सी० इन्दुमती द्वारा मुख्य विकास अधिकारियों को हाल ही मे निर्देश दिए गए थे कि प्रेरणा कँटीन संचालन हेतु सामुदायिक निवेश निधि ग्राम संगठन आजीविका निधि अथवा सी सी एल का उपयोग करवाते हुए कैंटीन हेतु ऐसे स्थान का चुनाव किया जाए जहां पर आवागमन ज्यादा हो ,जिससे स्वास्थ्य केन्द्र के अलावा आम जनमानस द्वारा भी कैंटीन का उपयोग किया जा सके तथा समूहों को भी नियमित व निश्चित लाभ प्राप्त हो,और जारी दिशा निर्देशो का यह असर देखने को मिल रहा है कि 455सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रेरणा कैंटीन समूहों की महिलाओं द्वारा संचालित हो रही हैं
स्वस्थ प्रदेश-खुशहाल प्रदेश की अवधारणा को साकार करते हुए सरकार महिलाओं के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक उन्नयन के लिए पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य, स्वावलंबन और रोजगार से महिलाओं को जोड़ रही है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना कारगर बन रही है। एक तरफ जहां प्रेरणा कैंटीन के जरिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं, वहीं सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों के तीमारदारों को पौष्टिक व कम दरों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जननी सुरक्षा के तहत गर्भवती को भी पौष्टिक भोजन की व्यवस्था हो रही है। 455 प्रेरणा कैंटीन खोली गई है।और आगे भी और प्रेरणा कैन्टीन खोलने की प्रक्रिया अनवरत रूप से चल रही है।
’समूह की महिलाओं को रोजगार’
सीएचसी व पीएचसी पर प्रेरणा कैंटीन खोलने का उद्देश्य है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत संचालित समूह की महिलाओं को रोजगार दिया जा सके। महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन पर सरकार फोकस कर रही है। ग्रामीण आजीविका मिशन की यह योजना काफी कारगर साबित हो रही है। इससे महिलाओं के साथ ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शुद्ध भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
’यूपी में 455 सीएचसी पीएचसी पर खोली गई कैंटीन’
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कैंटीन खोलने की योजना है। इसकी संख्या 841 निर्धारित है। इसमें लगभग आधे से अधिक कैंटीन खुल गई हैं। शेष पर तेजी से काम चल रहा है। आगरा में 2, अलीगढ़ में 7, आंबेडकर नगर में 6, अमेठी में 5, अमरोहा में 4, औरैया में 7, अयोध्या में 11, आजमगढ़ में 4, बागपत में एक, बहराइच में 12, बलिया में 8, बलरामपुर में 8, बांदा में एक-एक, बाराबंकी में 3, बरेली-बस्ती व बिजनौर में 11-11, बदायूं में 14, बुलंदशहर में 17, चंदौली में 3, चित्रकूट-देवरिया में 6-6, एटा में 5, इटावा में एक, फर्रुखाबाद में 8, फतेहपुर में 10, फिरोजाबाद में 4, गाजीपुर में 6, गाजियाबाद-गोरखपुर में 3-3, गोंडा में 2, हमीरपुर में 9, हापुड़ में 5, हरदोई में 2, हाथरस में 5, जालौन में एक, जौनपुर व झांसी में 11-11, कन्नौज में 3, कानपुर नगर व देहात में 9-9, कासगंज में 5, लखीमपुर खीरी-कुशीनगर में 7-7, ललितपुर में 5, लखनऊ में 2, महराजगंज में 13, मैनपुरी-मऊ में 2-2, मथुरा में 3, मेरठ में 5, मिर्जापुर में 7, मुरादाबाद में एक, मुजफ्फरनगर में 4, पीलीभीत में 5, प्रतापगढ़ में 11, प्रयागराज में 19, रायबरेली, श्रावस्ती व रामपुर में 5-5, सहारनपुर, शाहजहांपुर व संभल में 9-9, संतकबीर नगर में 4, शामली में 2, सिद्धार्थनगर में 6, सीतापुर में 7, सोनभद्र में 3, सुल्तानपुर में 9, उन्नाव में 10 और वाराणसी में 9 कैंटीन प्रारंभ हो गई है।
’महिलाओं ने संभाली कैंटीन, मरीजों को भी गरमागरम भोजन’
अस्पताल में भर्ती रोगियों व तीमारदारों को कैंटीन का गरमागरम भोजन मुहैया कराने का उद्देश्य स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना भी है। महिलाओं के हाथों का बना खाना जहां मरीजों को उत्तम स्वास्थ्य दिला रहा है, वहीं स्वयं सहायता समूह की यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भरता से भी जोड़ रही है।