रूद्रपुर/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को देर रात कलक्ट्रेट स्थित एपीजे अब्दुल कलाम सभागार हॉल में अधिकारियों के साथ जनपद के विकास कार्यो की समीक्षा की। उन्होेने जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला योजना की धनराशि का शत-प्रतिशत व्यय सुनिश्चित किया जाय।
उन्होंने कहा कि जिला योजना की धनराशि समय से व्यय न होने के लिए अधिकारियों सहित जिलाधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। उन्हांेने जिला योजना व राज्य योजना से किये जाने वाले कार्यो को स्क्रीन पर डिस्पले भी किये जाने के निर्देश दिये ताकि आम लोगो को विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अधिकारी आपसी सहयोग की भावना से कार्य करे। उन्होने लोनिवि, बिजली व सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर असंतोष जाहिर किया तथा उन्हंे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने को कहा। उन्होेंने जिलाधिकारी से कहा कि जनपद में होने वाली प्रत्येक बीडीसी व जिला पंचायतं की बैठको में सम्बन्धित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए तथा प्रत्येक बैठक में अधिकारियों की उपस्थिति की सूचना शासन को भेजी जाए। उन्होने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि जनपद को जो अतिरिक्त विद्युत मिले उसका वितरण फार्म सैक्टर को किया जाय, इसके लिये समय सीमा तय कर ली जाय, ताकि किसानो को बिजली प्राप्ति की समय सारिणी उपलब्ध हो सके। उन्होने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि कृषि के क्षेत्र में नई टैक्नोलॉजी अपनाकर अधिक पैदावार बढाई जाय साथ ही किसानों को बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि दूसरे राज्यों से बीज न खरीदना पडे। उन्होने इसके लिए टीडीसी, बीज प्रमाणीकरण संस्था व एग्रीकल्चर सैक्टर को समन्यवय स्थापित कर कार्य करने को कहा। उन्होने रेशम उत्पादन को बढावा देने के लिए नदियों के किनारे स्थित भूमि का उपयोग किये जाने पर बल दिया। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये की समाधान योजना के अन्तर्गत प्राप्त शिकायतों का निदान तीव्र गति से किया जाए तथा निदान सम्भव न होने पर कारण सहित शिकायतकर्ता को फोन व पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाय। उन्हांेने इस बात पर विशेष जोर दिया कि प्रमाण पत्रों से सम्बन्धित शिकायतें लम्बित नही होनी चाहिए, उनका त्वरित समाधान किया जाए। उन्होने जिलाधिकारी को जनपद के अर्धनगरीय क्षेत्रों की सूची बनाने के लिए कहा ताकि उनसे कर वसूलने की नियमावली तैयार हो सके। उन्होंने कहा नये शहरी क्षेत्रो के लिए योजना बनाकर व्यवस्था कायम करे ताकि क्षेत्रीय विकास को बढावा मिल सके। उन्हांेने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह जल निगम व जल संस्थान के साथ समन्वय स्थापित कर जलजनित रोगो से बचाव के लिये क्लोरीन की गोली का वितरण करे। जल निगम समय-समय पर पेयजल की शुद्धता की जांच करवाए व जिन स्थानों पर जल अशुद्ध पाया जाता है वहां गहरे बोरिंग खुदवाकर स्वच्छ जल जनता को उपलब्ध कराया जाय। उन्होने जनपद में हो रहे ड्रग्स व्यापार पर गहरी चिंता जाहिर की तथा डीआईजी पीएस सैलाल को टीम गठित कर ड्रग्स की अवैध बिक्री व उपयोग को रोकने के लिए सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एडीबी के अन्तर्गत लालपुर-नगला मोटर मार्ग के कार्यो की धीमी प्रगति पर रोष प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दायर कराने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए उन्होने रिटायर्ड शिक्षको को संविदा पर रखे जाने की बात कही। उन्होने कहा कि रमसा के तहत जो स्कूल निर्माणाधीन है, उनके प्ले ग्राउन्ड मनरेगा से बनवाये जाय। उन्होने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिये जनपद में एकल महिलाओं की सूची तैयार की जाए ताकि उनको पेंशन के दायरे में लाया जा सकें। दुग्ध विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद में दुग्ध व्यवसाय तरक्की करे इसके लिए कोआपरेटिव बैंको का सहयोग लिया जाय। उन्होने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन के अन्तर्गत मंडुआ व सोयाबीन भी दिया जाए। विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंघल द्वारा बताया गया कि तालाबो व जलाशयों में जलकुम्भी (समुद्रसोख) अपने पांव पसार रहा है जो जलाशयों के लिए भविष्य में खतरा उत्पन्न कर सकता है इस पर मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग व मत्स्य विभाग के अधिकारियों से कहा वे वैज्ञानिको की टीम लाकर इससे निपटने के उपाय खोजे।