नई दिल्ली: देश के सभी शिक्षण संस्थानों और उसमें हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मानव संशाधन विकास
मंत्रालय अब तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसके लिए वह इसरो की मदद से एक ऐसा एप का विकास कर रही है जो जिओ सैटेलाइट इमेजनरी के जरिए शिक्षण संस्थानों की गतिविधियों पर नजर रखने में मंत्रालय की मदद करेगा।
इस एप के जरिए आवश्यक स्थानों की तस्वीरें अपलोड करने के साथ ही सैटेलाइट के जरिए जमीन से करीब एक मीटर की ऊंचाई तक की तस्वीरें देखी जा सकेंगी। इस तकनीक को सुचारु रूप से चलाने के लिए शिक्षण संस्थानों को अनुदान भी दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत अब तक एक हजार संस्थानों को जोड़ा जा चुका है और जून तक करीब 1900 संस्थानों को जोड़ने की योजना है।
इस एप में संस्थानों की जानकारियों के अलावा उसमें पढ़ने वाले बच्चों की संख्या, स्थान, दो संस्थानों के बीच की दूरी और हॉस्टल सुविधाओं से लैस संस्थानों की सूची शामिल होगी। इसके अलावा यह एप मैप के जरिए वास्तविक जमीनी विकास के बारे में भी जानकारी मुहैया कराएगा।