प्रदेश में स्थापित उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग में रिक्त चल रहे 03 सदस्यों (01 अनारक्षित, 01 महिला एवं 01 अनुसूचित जनजाति वर्ग) के पदों हेतु इच्छुक पात्र व्यक्तियों से आवेदन 19 मार्च, 2021 को जारी कार्यालय ज्ञाप द्वारा आमंत्रित किये गये हैं। आवेदन की अन्तिम तिथि 26 अप्रैल, 2021 है। अपर आयुक्त खाद्य एवं रसद श्री अनिल कुमार दुबे ने आज यह जानकारी दी।
श्री दुबे ने बताया कि आवेदन के लिए वे व्यक्ति पात्र होंगे जो अखिल भारतीय सेवा या किसी अन्य राज्य सिविल सेवा के सदस्य हैं और जिन्होंने कृषि, खाद्य तथा रसद, पोषण, स्वास्थ्य के क्षेत्र में या किसी सम्बन्धित क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, नीति निर्माण और प्रशासन से सम्बन्धित मामलों में कम से कम 02 वर्ष का कार्य किया है। अथवा कृषि, मानवाधिकार विधियों, सामाजिक सेवा, प्रबन्धन, पोषण, स्वास्थ्य, खाद्य नीति या लोक प्रशासन में कम से कम 03 वर्ष के कार्यानुभव या व्यापक ज्ञान वाले सार्वजनिक जीवन के प्रख्यात व्यक्ति हैं। अथवा गरीबों के खाद्य एवं पोषण सुधारों से सम्बन्धित कार्यों में प्रामाणिक कीर्तिमानधारक हैं। आवेदक द्वारा 45 वर्ष की आयु पूर्ण कर लिया जाना होना चाहिए। वे इस पद पर 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने अथवा नियुक्ति से 05 वर्ष (जो भी पहले हो) तक अपने पद पर रह सकते हैं। विस्तृत प्रामाणिक विवरण, आवेदन का प्रारूप विभागीय वेबसाइट ीजजचेरूध्ध्बिेण्नचण्हवअण्पद पर उपलब्ध हंै। आवेदन में प्रस्तुत किये जाने वाले विवरण के सम्बन्ध में साक्ष्य संलग्न किया जाना आवश्यक है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग की स्थापना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 की धारा-16(6) के प्राविधानों के अन्तर्गत इस अधिनियम का अनुश्रवण करने, अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन, उक्त अधिनियम के अन्तर्गत अनुमन्य हकदारियाॅ प्राप्त न होने पर उनके अतिक्रमणों की या तो स्वप्रेरणा से या तो शिकायत प्राप्त होने पर जाॅच करना तथा जनपदों में तैनात जिला शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा दिये गये निर्णय के विरूद्ध अपील की सुनवाई करने के उद्देश्य से की गई है।
राज्य खाद्य आयोग नियमावली-2015 में प्राविधानित व्यवस्थानुसार सदस्यों को वेतनमान 37,400-67,000, ग्रेड वेतन-10,000 (वेतन बैड-4) अनुमन्य होगा। सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों को अनुमन्य नगर प्रतिकर भत्ता, यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ता आहरित करने के तथा राज्य सरकार द्वारा यथा अवधारित सरकारी आवास के हकदार होंगे। वे कार्यालय प्रयोजनार्थ यात्राओं के लिए स्टाॅफ वाहन या अन्य सवारी की सुविधा के लिए हकदार होंगें तथा राज्य सरकार द्वारा उपबन्धित चिकित्सा उपचार या चिकित्सालयी उपचार के भी हकदार होंगे।