नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद पंजाब में विस्थापित हुए परिवारों के लिए राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली 2.08 करोड़ रूपये की राशि की निर्धारित तिथि (कट ऑफ डेट) 08.11.2016 से बढ़ाकर 04.08.2017 किए जाने के एक बारगी प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।
1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों की शिकायतों की जांच करने के लिए गठित न्यायमूर्ति जी.पी.माथुर समिति की सिफारिशों में से एक पंजाब में विस्थापित परिवारों के लिए पुनर्वास पैकेज उपलब्ध कराना था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसे कुल 1020 मामले थे जिनमें अनुदान राशि का भुगतान सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सका था क्योंकि योजना समाप्त हो चुकी थी। इनमें 72 मामलों की पुष्टि कर भुगतान के लिए उनकी सिफारिश भेज दी गई थी और 948 मामले अभी भी जांच के लिए निलंबित थे।
समिति ने अनुशंसा की थी कि 2006 पुनर्वास पैकेज के तहत दो लाख रूपये भुगतान की योजना एक निश्चित तारीख के लिए फिर शुरू की जाएगी और पंजाब सरकार को जांच की प्रक्रिया एक नियत समय में पूरी करने के लिए कहा जा सकता है।
संबद्ध प्राधिकरण की अनुमति, गृह मंत्रालय के 09.05.2016 के पत्र के अनुरूप पंजाब सरकार को इस पत्र के जारी होने की तारीख के तीन माह की अवधि के भीतर लंबित मामलों की पुष्टि करने का आग्रह किया गया और नियत समय में अपने खुद के बजट से यह भुगतान करने को कहा गया लेकिन यह भी कहा कि यह 08.11.2016 के बाद न हो और इसके बाद भुगतान गृह मंत्रालय से लिया जाए।
इस मामले में पंजाब सरकार ने लंबी जांच प्रक्रिया और 31.07.2018 के पत्र के अनुरूप 104 लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई जिसमें कुल 2.08 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की ओर से निर्धारित तिथि में छूट दिए जाने की अनुमति के बाद अब 2.08 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान पंजाब सरकार को किया जाएगा।