अल्मोड़ा/देहरादून: विलुप्त हो रही संस्कृति के संरक्षण एवं संबर्द्धन हेतु मेले व त्योहारों के आयोजन को प्राथमिकता देनी होगी। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार देर रात अराध्यदेवी नन्दादेवी मेले के शुभारम्भ के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी में अनेक विकृतियाॅ फैल गयी हैं,
उससे बचने के लिये इस तरह के आयोजनों पर विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृपामयी करूणा मई माता ने हमेशा सीमाओं पर तैनात वीर सैनिकों की रक्षा कर उन्हें शक्ति प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि यह मेला अटूट आस्था के साथ ही इतिहास संजोए हुये हैं ।
मुख्यमत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता हैं और बाहर से आने वाले पर्यटक एवं श्रद्धालु यहाॅ की अद्भूत छटा एवं यहाॅ पर स्थित मन्दिरों के प्रति बरबस आर्कषित होने के लिये मजबूर होते है। मेले एवं त्याहारों के संरक्षण के साथ-साथ विलुप्त हो रही विधा को संरक्षित करने के लिये सरकार ने बहुत बड़ा बेडा उठा रखा है जिसके तहत कलाकारों को पेंशन देने के साथ ही उनके उन्नयन के लिए ठोस पहल की जा रही हैं। प्रदेश के संस्कृति विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि पुरानी विधा को जानने वाले ऐसे कलाकारों को चिहिन्त कर लिया जाय ताकि यह विधा आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि ऐतिहाासिक व प्राचीन नन्दा देवी मेला ने अपनी पहचान अभी तक बनाये रखी है लेकिन इसे संरक्षित करने के लिये हम सभी को आगे बढ़कर कार्य करना होगा। जनपद अल्मोड़ा जो संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है उसे हमें कायम रखना होगा। यहाॅ पर अनेक कला प्रेमियों ने अपनी कला का मंचन कर प्रदेश के साथ-साथ देश का भी गौरव बढ़ाया हैं। यहाॅ पर प्रति 12 वर्ष बाद होने वाली नन्दा देवी राजजात यात्रा ने पहचान बनकर संस्कृति को संजोए रखने का जो प्रयास किया है वह अनुसरणीय है।
इस अवसर पर नन्दादेवी मेला समिति ने एक मांग पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नन्दादेवी मन्दिर परिसर में स्थित गीता भवन के जीर्णोद्वार हेतु सर्वसम्मति से निर्णय लिया जायेगा। इस मेले को राज्य स्तरीय मेले की सूची में शामिल करने के साथ ही इस को दिये जाने वाले अनुदान को 10 लाख रू0 तक करने, नन्दादेवी मन्दिर को धार्मिक, पर्यटन के रूप में विकसित करने के साथ ही पुरातत्व विभाग को निर्देशित कर इस परिसर में स्थित गीता भवन सहित अन्य सौन्दर्यकरण कार्यों को कराया जायेगा, ताकि इस मेले को और भव्यता प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से इस मेले के लिये ठोस निर्णय लिये जायेगें। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बुनियादी पहचान को कायम रखना होगा तभी हमारी पहचान बनेगी। उन्होंने पुरानी भवन शैली को संरक्षित करने के साथ ही उसे किसी न किसी रूप में विकसित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पारम्परिक वेश-भूषा की पहचान बनाये रखने के लिये भी सरकार ठोस निर्णय ले रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐपण कला को विकसित करने के लिये ऐपण संबर्द्धन परिषद बनाने का निर्णय लिया गया है। बैठक होली परम्परा को जीवन्त रखने के लिये भी संस्कृति विभाग को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये गये है साथ ही पुरानी राम लीलाओं के मंचन को विकसित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा पुरस्कार देने का भी निर्णय लिया जा रहा हैं जिसके तहत मानक तय कर दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के गिरते स्तर पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि जनपद अल्मोड़ा जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में जाना जाता था उसमें ठहराव आ गया हैं इसके लिये भी हमें सामुहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने पुरानी खान-पान शैली को भी संरक्षित करने की बात पर जोर दिया।
इस अवसर पर कला व संस्कृति से जुडे़ लोगों ने अल्मोड़ा में रंग मण्डल मनाने की बात कही इस पर उन्होंने कहा कि इसका एक ठोस प्रस्ताव यदि आयेगा तो उस पर विचार किया जायेगा। नन्दा देवी मार्ग में पटाल बिछाने एवं परिसर को सुव्यवस्थित करने के लिये उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि इसका आगणन तैयार कर लिया जाय ताकि उस पर निर्णय लिया जा सकंे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वायस आॅफ इंडिया के विजेता पवनदीप राजन की बहन प्रियंका राजन को सम्मानित किया और मेले के अवसर पर आयोजित संास्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुजंवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से जहाॅ एक ओर अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने का मौका मिलता है वही दूसरी ओर पुरातन संस्कृति के संरक्षण का भी कार्य इस तरह के आयोजनों से आगे बढ़ता हैं। उन्होंने कहा कि हमें निष्पक्ष तरीके से कार्य कर इस राज्य के विकास के लिये एकजुट होना होगा।
इस अवसर पर उपस्थित संसदीय सचिव मनोज तिवारी ने कहा कि यह ऐतिहासिक मेला जहाॅ एक ओर हमारी पुरातन आस्था को बनाये रखने का काम करता हैं वही दूसरी ओर इस तरह के आयोजनों से संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। नन्दादेवी मेला समिति/मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष शिरीष पाण्डे ने इस मेले के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व पर प्रकाश डाला। चदंवशीय राजा परिवार के के0सी0 सिंह बाबा ने भी अपने विचार रखते हुये कहा कि हमें इस मेले को और भव्यता प्रदान करने के लिये सामुहिक प्रयास करने होंगे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सभासद मनोज वर्मा ने किया।
इस कार्यक्रम में चन्द राजाओं के वंशज राजा करण चन्द्र राज सिंह (के0सी0 बाबा) पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पार्वती मेहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष बागेश्वर हरीश चन्द्र सिंह ऐठानी, विधायक कपकोट ललित फस्र्वाण, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष राजेन्द्र बाराकोटी, कर निर्धारण समिति के उपाध्यक्ष बिटूटू कर्नाटक, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष त्रिलोचन जोशी, सफाई आयोग के उपाध्यक्ष सिकन्दर पवाॅर, वन पंचायत सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष धर्म सिंह मेहरा, जलागम प्रबन्धन समिति के उपाध्यक्ष दिनेश कुजंवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा, पूर्व दर्जा मंत्री केवल सती, केसीडीएफ के अध्यक्ष अमर नाथ सिंह रावत, कांग्रेस अध्यक्ष पीताम्बर पाण्डे, ब्लाक प्रमुख घौलछीना हरीश बनोला, दिनेश गोयल, मनोज सनवाल, तारा चन्द्र जोशी, नरेन्द्र वर्मा, एल0के0 पंत, अनूप शाह, हरीश बिष्ट, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष प्रीति बिष्ट, जिलाधिकारी डा0 आशीष कुमार श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक के0एस0 नगन्याल, अपर जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र, उपजिलाधिकारी श्रीमती रिंकू बिष्ट, हरेन्द्र वर्मा, श्रीमती इला गिरि, अनिल चन्याल, जिला विकास अधिकारी डी0डी0 पंत, परियोजन निदेशक मा0 असलम, पुलिस उपाधीक्षक कान्ती बल्लभ पाण्डे, जीआर वर्मा सहित अनेक अधिकारी व गणमान्य लोग उपस्थित थे।