देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को न्यू कैन्ट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में अर्धकुम्भ मेला 2016 के सफल आयोजन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साधू-संतों, आश्रमों, धार्मिक, स्वयं सेवी संस्थाओं, विभागीय अधिकारियों एवं कार्मिकों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अर्द्धकुम्भ मेले के सफल आयोजन में सहयोग हेतु साधू-संतों का आभार प्रकट किया और कहा कि महान साधू-संतों के आशीर्वाद के बिना अर्धकुम्भ मेले का सफल आयोजन मुमकिन न होता। उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी दिन-रात की मेहनत से ही दुर्घटनारहित अर्धकुम्भ मेला सम्भव हो पाया है। उन्होने कहा कि नीलकंठ को शिवधाम के रूप में विकसित कर इसका भी सौन्र्दयीकरण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अर्धकुम्भ की सफलता में सबका सहयोग है। सीमित साधनों के बावजूद हम इसे सफलतापूर्वक आयोजित कर पाए। सभी के प्रयासों के चलते हम संसाधन भी जुटा पाए। न्यूनतम असुविधा के साथ अधिकतम सुविधाओ का इसमे विकास किया गया। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला के पास पुल शीघ्र तैयार हो तथा गंगा नदी पर एक और पुल बनाये जाने का प्रयास किया जायेगा। हरिद्वार में सीमित भू-भाग में असीमित सुविधाएं उपलब्ध कराना कितना मुश्किल कार्य है, इस कार्य को भी हमारे अधिकारियों व कर्मचारियों ने बखूबी से निभाया है। उन्होने अर्द्धकुम्भ के सफल आयोजन के लिये मेलाधिकारी एस मुरूगेशन व आई जी मेला जीएस मर्तोलिया को विशेष रूप से बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धी है कि इस बार कोई जनहानि अथवा दुर्घटना नहीं हुई। अर्धकुम्भ में पहली बार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए। पहली बार अर्धकुम्भ मेला क्षेत्र में पब्लिक एडेªस सिस्टम के माध्यम से प्रसारण किया गया। अर्द्धकुम्भ में पहली बार भव्य योग कुम्भ का भी आयोजन किया गया। देव डोलियों के स्नान की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस बार शासकीय कार्यक्रम के तहत भव्य देव-डोली कार्यक्रम आयोजित किया गया। लगभग शतप्रतिशत धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं को पहली बार निःशुल्क कैंप उपलब्ध कराये गए। सभी कार्योंं के लिये पहली बार ई-टेंडर व्यवस्था लागू की गयी। उन्होने कहा कि मेले के सफल आयोजन में पत्रकारो की भी सराहनीय भूमिका रही है। शीघ्र ही हरिद्वार में पुलिस विभाग के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिला पुलिस के जवानो के साथ ही पत्रकारो, व्यापारियों आदि को सम्मानित किया जायेगा।
उन्होने कहा कि हम कांवड़ को बिना नेशनल हाईवे को बन्द किये हुए आयोजित में सफल रहे है। इस साल भी इस परम्परा को जारी रखा गया। कांवड़ सहित उत्तराखण्ड के बड़े मेलों को संस्थागत रूप देने की जरूरत है। इसके लिये एक सिस्टम तैयार करने की जरूरत है इसमें सभी का सहयोग चाहिए। हरिद्वार में सुविधाएं विस्तारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिये घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार की कोशिश है कि अगले कुम्भ के लिये पहले से ही तैयारियाँ कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस आयोजन में मीडिया का रोल काफी सकारात्मक रहा है। इस अवसर पर लगभग 400 लोगो को शाल एवं स्मृति चिन्ह देकर मुख्यमंत्री श्री रावत ने सम्मानित किया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने भी मेले के सफल आयोजन के लिये सभी का आभार व्यक्त किया। मेलाधिकारी एस0मुरूगेशन ने अर्द्धकुम्भ में की गई व्यवस्थाओ की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसौला, सचिव डी0एस0गब्र्याल, गंगा सभा के अध्यक्ष पुरूषोतम शर्मा, महामण्डलेश्वर, संत समाज, शासन, प्रशासन, पुलिस व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।