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क्या आप नींद से महरूम हैं ? तो तत्काल इलाज कराने की जरूरत है

उत्तराखंड

किसी भी व्यक्ति के स्वस्थ्य और सुखी रहने के लिए नींद का महत्व बहुत अधिक है। हम स्लीप डिसऑर्डर महामारी के युग में प्रवेश कर रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स की 1/3 हिस्सा आबादी नींद से महरूम है और हर रोज पांच में से एक कार दुर्घटना नींद पूरी न होने के कारण होती है। तो, नींद हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण जैविक कार्यों को संपन्न करती है। नींद हमारे शरीर में लगभग 2 से 3 किलोग्राम वजन डालती है और यह हमारे शरीर की 20 से 30% ऊर्जा का इस्तेमाल करती है। इसलिए शरीर को आराम देना बेहद जरूरी है। चीजों को याद रखने और याददाश्त मजबूत करने के लिए भी नींद बहुत अहम होती है। यह हमारा फोकस, हमारा ध्यान और सतर्कता बनाए रखने में भी मदद करती है, जिससे बिना किसी पूर्व अनुभव के हमारी रोजाना की सीखें एकीकृत होती रहती हैं। इसीलिए हमारे बच्चों को रात में बहुत अच्छी और गहरी नींद लेना बेहद जरूरी है ताकि अगले दिन वे चीजों पर अपना पूरा ध्यान दे सकें और उन पर फोकस कर सकें।

यदि कार ड्रायवर रात में गहरी नींद नहीं लेते तो इसके परिणामस्वरूप आखिरकार कोई दुर्घटना घट सकती है, क्योंकि वे अपना पूरा ध्यान केंद्रित ही नहीं कर पाते। चूंकि मस्तिष्क बहुत ज्यादा एनर्जी खपत करने वाला एक अंग है, इसलिए इसे अपने ऊर्जा स्रोतों को फिर से जगाने की जरूरत होती है, क्योंकि एनर्जी की इस खपत के दौरान हमारे मस्तिष्क में ढेर सारे मेटाबोलाइट्स पैदा होते हैं जो जबरदस्ती जागने पर मजबूर करते हैं। यदि कोई व्यक्ति अच्छी नींद नहीं ले पाता है, तो इसके परिणामस्वरूप शरीर जहरीले पदार्थ निकालने लगता है, जिससे और ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं।

इसकी रोकथाम के लिए हम क्या किया करते हैं? हम कॉफी पीते हैं जिसमें कैफीन मौजूद होता है और कैफीन हमारे दिमाग तक सिग्नल पहुंचने से रोकता है, और यह एनर्जी की पुनः आपूर्ति में भी मदद नहीं करता। यह समझना बहुत जरूरी है कि नींद के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाओं की मरम्मत होती रहती है, क्योंकि नींद शरीर से जहरीले पदार्थों को भी निकालती है। ये जहरीले पदार्थ हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए भी बहुत हानिकारक होते हैं। जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते, उनमें अल्जाइमर और अपक्षयी मस्तिष्क रोग उत्पन्न होने की प्रवृत्ति पाई जाती है। इसका संबंध सिर्फ मस्तिष्क से ही नहीं है, बल्कि हमारे दिल के काम करने के लिए भी नींद बहुत जरूरी है। नींद के दौरान हृदय कम हार्ट प्रेशर और कम हार्ट रेट पर अपनी गतिविधि बरकरार रखता है, यह अपनी एनर्जी की पुनः आपूर्ति भी कर लेता है।  यदि आपको टुकड़ों-टुकड़ों में नींद आती है, यदि आपको ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसा कोई स्लीप डिसऑर्डर है, तो इससे आपके शरीर का ब्लडप्रेशर और हृदय से जुड़ी अन्य समस्याएं बढ़ जाएंगी। नींद के दौरान हमारा इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है, जो संक्रमण का प्रतिरोध करने में मदद करता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जो लोग सर्दी से पहले फ्लू शॉट्स लेते हैं उन्हें पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, लेकिन अगर व्यक्ति को ये फ्लू शॉट लेने से पहले पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है, तो उनको आधा एंटीबॉडी रेस्पॉन्स ही मिलेगा…और यह सिद्ध हो चुका है।

बेहतर गुणवत्तापूर्ण नींद लेने वाले व्यक्तियों को संक्रमण होने की संभावना बहुत कम होती है। नींद के बार-बार टूटने से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है और ट्यूमर कोशिकाओं की वृद्धि तेजी से होने लगती है। नींद हमारी भूख को नियंत्रित करने के लिए भी बहुत जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति पर्याप्त नींद नहीं लेता है, तो उसकी भूख बढ़ जाती है, और वह सामान्य दिनों की तुलना में अधिक भोजन करने लगता है जिसके परिणामस्वरूप उसका वजन बढ़ता है। नींद ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म में भी मदद करती है। पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले लोगों को जाहिर तौर पर डाइबिटीज होने का खतरा बढ़ जाएगा। नतीजे में स्लीप डिसऑर्डर की महामारी मोटापे और डाइबिटीज की महामारी के साथ समानांतर रूप से चलती है। मनुष्य का मानसिक कार्य भी नींद पर ही निर्भर करता है। नींद से महरूम रहने वाले व्यक्ति के मन में अवसाद से जुड़ी चिंताएं ज्यादा होती हैं, यहां तक कि उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति भी पाई जाती है और वे अपने गुस्से पर काबू भी नहीं रख पाते। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति की कार्डियोवैस्क्युलर गति लगभग 420% बढ़ जाती है। आजकल मोबाइल फोन, टीवी, ओटीटी प्लेटफॉर्म आदि जैसे इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में, जिनका हम उपयोग करते हैं, नीली रोशनी मौजूद होती है जो बहुत हानिकारक होती है। साथ ही, अगर हम इस नीली रोशनी को देखते हुए कॉफी पीते हैं, तो इससे नींद की गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है। किसी सामान्य व्यक्ति को रात में 7 से 8 घंटे के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली नींद की आवश्यकता होती है। जब हमें जागना होता है तो हम उस वक्त का अलार्म सेट कर देते हैं, लेकिन हमें किस वक्त सो जाना चाहिए, इसका अलार्म हम सेट नहीं करते। हमें 8 घंटे की नींद लेने के लिए अलार्म सेट करना होगा और साथ ही सोने के 15 से 20 मिनट पहले बिस्तर पर जाने का अलार्म सेट करना चाहिए। हमें प्रतिदिन बिस्तर पर जाने का समय निश्चित करना चाहिए। यदि आप में नींद की खराब गुणवत्ता वाले लक्षणों में से कोई भी लक्षण मौजूद है तो आपको इलाज कराना चाहिए, अन्यथा इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

अच्छी गुणवत्तापूर्ण नींद लेने के बाद हर व्यक्ति आकर्षक दिखने लगता है और यह बात अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक जर्नल में प्रकाशित हो चुकी है, जहां उन्होंने अच्छी नींद लेने वाले और अच्छी नींद न लेने वाले व्यक्तियों के चित्र खींचे थे। जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो आप खूबसूरत दिखते/दिखती हैं। शेविंग करने या शॉवर लेने से नहीं, बल्कि अच्छी नींद के दम पर कोई व्यक्ति खूबसूरत दिखता है… और थोड़े ही समय में आप यह फर्क देख सकते हैं। मेरा हार्दिक अनुरोध है कि कृपया अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लें क्योंकि हम स्लीप डिसऑर्डर वाली महामारी की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हायपरटेंशन, डायबिटीज, कार्डियोवैस्क्युलर मृत्यु और कई तंत्रिका संबंधी अन्य समस्याएं पैदा होंगी।

लेखक– डॉअर्णब बेरामेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट 

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