लखनऊ: प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने प्रदेश के जनपदों से आये उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी एवं जिला परिवीक्षा अधिकारियों को जनपदों में सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित शरणालयों एवं संप्रेक्षण गृहों की निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक स्थिति में 07 जनवरी, 2019 तक प्रेषित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा जो अधिकारी अपनी निरीक्षण रिपोर्ट प्रेषित कर चुके है तथा किन्ही कारणों से यहां उपलब्ध नहीं हो सकी है वे अपनी मेल से उसकी दूसरी प्रति उपलब्ध कराने के पश्चात ही अपने जनपद प्रस्थान करेंगे।
प्रो0 जोशी आज लखनऊ में पर्यटन भवन के सभाकक्ष में महिला कल्याण विभाग की प्रदेश स्तर पर उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी, जिला परिवीक्षा अधिकारी तथा जनपदों में बतौर जि0 परिवीक्षा अधिकारी अथवा उस पद के चार्ज पर कार्य कर रहे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रही थीं। बैठक में उन्होंने कहा कि जनपदों में जो सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं शरणालय, संप्रेक्षण गृह तथा दत्तक ग्रहण इकाइयां अच्छा कार्य कर रहे हैं उनकी सूची शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत की जाये। उन्होंने कहा कि शरणालयों एवं संप्रेक्षण गृहों में आवासित मानसिक मंदित बालक-बालिकाओं, महिलाओं की सूची उनकी उम्र एवं लिंग के उल्लेख के साथ तैयार करायी जाये, जिससे इन्हें शीघ्र विशेष शरणालय में आवासित कराया जा सके। उन्होंने एच.आई.वी. ग्रस्त महिलाओं एवं बच्चों की सूची भी तैयार कराने का निर्देश दिया। बैठक में चर्चा के दौरान उन्होंने शरणालय में रह रहे बच्चों के स्वास्थ्य सम्बन्धी देख-रेख पर चर्चा की और कहा कि अगर किसी बच्चे को कोई संक्रमण फैलाने वाली बीमारी है तो उसे अविलम्ब अस्पताल में भर्ती कराये जाने की व्यवस्था रखी जाये।
दत्तक ग्रहण इकाइयों की समीक्षा करते हुए महिला कल्याण मंत्री ने लम्बित प्रकरणों की आख्या मांगी तथा गोद देने में कारा के नियमों का सख्ती से अनुपालन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर जिले कम से कम 10 बच्चों की क्षमता वाली एक दत्तक ग्रहण इकाई बनायी जाये। इसी क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि जिन जिलों में भवन की उपलब्धता है वहां अतिशीघ्र यह व्यवस्था कर ली जाए।
महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को इस हेतु चयन प्रक्रिया पन्द्रह दिनों में पूरी करने का पत्र दिया जाये। उन्होंने लखनऊ एवं वाराणसी में कृष्णा-कुटीर स्थापना के लिए 15 दिन के अंदर कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने बालिकाओं के हितार्थ चलायी जा रही योजना बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं में गति लाने का निर्देश दिया। बैठक में वन स्टाप सेंटर, 181 काल सेंटर की आपरेशनल समस्याओं, आउटसोर्स कर्मियों के लम्बित भुगतान पर भी चर्चा हुई।
महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में राज्यमंत्री महिला कल्याण श्रीमती स्वाती सिंह, विशेष सचिव महिला कल्याण सुश्री मेधा रूपम, निदेशक महिला कल्याण श्रीमती वंदना वर्मा सहित प्रदेश स्तर एवं निदेशालय पर कार्यरत सभी उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी, जिला परिवीक्षा अधिकारी तथा महिला कल्याण विभाग के समस्त सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।