लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने तथा इनमें जन-धन हानि रोकने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसलिए आवागमन को सुरक्षित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाए। सड़क सुरक्षा नियमों के पालन की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के निर्णयों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। परिषद के निर्णयों को लागू कराने के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो अनुपालन की कार्यवाही की साप्ताहिक समीक्षा करे। नोडल अधिकारी द्वारा मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्णयों के अनुपालन की प्रगति की जानकारी दी जाए। साथ ही, जिन विभागों द्वारा निर्णयों को लागू करने में रुचि नहीं ली जा रही, उनकी भी जानकारी प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में उ0प्र0 राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा परिवहन विभाग की प्राथमिकता का विषय होना चाहिए। परिवहन और गृह विभाग सम्मिलित रूप से सड़क सुरक्षा के लिए कार्य करें। सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में मा0 सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क निर्माण से जुड़ी सभी एजेन्सियां यथा-लोक निर्माण विभाग, एन0एच0ए0आई0, यूपीडा, उपशा आदि दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में दुर्घटना रोकने के उपाय करें। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग, सड़क निर्माण के सम्बन्ध में नोडल विभाग है। यह विभाग सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभागों को सड़क सुरक्षा हेतु आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराए। उन्होंने सड़क निर्माण से जुड़े विभागों को सड़क मार्गों पर चिन्ह्ति ब्लैक स्पाॅट्स का प्राथमिकता पर आॅडिट कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़कों पर बेतरतीब खड़े ट्रक एवं अन्य वाहन दुर्घटना का बड़ा कारण हैं। इन वाहनों को सख्ती से सड़कों से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि ट्रक आदि वाहनों की सड़क पर पार्किंग रोकने के लिए व्यवस्था बनायी जाए। परिवहन, गृह, लोक निर्माण, नगर निकाय आदि सभी सम्बन्धित विभाग इसके लिए एक ठोस कार्य योजना बनाएं। उन्होंने कहा कि हाईवे आदि सड़क मार्ग बनाते समय ढाबे और रेस्टोरेण्ट आदि के लिए सड़क से हटकर स्थान सुरक्षित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला एक घण्टा सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। इसलिए सड़क दुर्घटना के मामले में ‘108’ एम्बुलेन्स के माध्यम से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को जिला अस्पताल के स्थान पर सबसे नजदीकी उपलब्ध अस्पताल में पुहंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के प्रारम्भिक इलाज के लिए सड़क सुरक्षा निधि रेडक्राॅस आदि की धनराशि का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने मुख्य सचिव को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में बिना किसी परेशानी के इलाज उपलब्ध हो, इस सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपने स्तर से इन निर्देशों से सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को अवगत कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट और सीट बेल्ट के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए पूरे प्रदेश में चेकिंग की व्यवस्था की जाए। यह कार्यवाही नेक-नीयती की भावना से सम्पादित की जाए। अलग-अलग दिवसों पर अलग-अलग रूट पर चेकिंग की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिला पंचायत और नगर निकाय अपने क्षेत्रों में स्थित कांजी हाउस या पिंजरापोल को क्रियाशील करें, जिससे सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले पशु सड़कों पर न आने पाएं।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव परिवहन श्रीमती आराधना शुक्ला द्वारा मुख्यमंत्री जी को 27 मार्च, 2018 को उ0प्र0 राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की विभागवार स्थिति से अवगत कराया गया।