लखनऊ: प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री प्रो0 शिवाकांत ओझा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्राविधिक विश्वविद्यालय को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रुप में विकसित किया जायेगा। इसे उच्च शिक्षा, इनोवेशन और इनक्यूबेशन के केंन्द्र बिंदु के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रो0 ओझा ने बताया है कि विश्व में विकसित की जाने वाली नवीन प्रौद्योगिकी को औद्योगिक क्षेत्र में द्रुत गति से निरन्तर अपनाया जा रहा है। प्रदेश के चार अभियन्त्रण संस्थाओं में इनोवेशन एवं इनक्यूवेशन सेंटर्स स्थापित किये जा रहे हैं। एच0बी0टी0आई0 कानपुर में सिविल एवं केमिकल इंजीनियरिंग, यू0पी0टी0टी0आई0, कानपुर में टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, आई0ई0टी0 लखनऊ में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स, कम्प्यूटर साइंस एवं इनफारमेशन टेक्नालाजी तथा एम0एम0एम0यू0टी0 गोरखपुर में मकैनिकल इंजीनियरिंग विधाओं में सेंटर्स की स्थापना की कार्यवाही प्रचलित है।
प्रमुख सचिव श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने बताया कि डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश द्वारा इन्हें वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ उद्योगों, शोध केन्द्रों, प्रदेश में स्थापित राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों और सम्बद्ध कालेजों का एक तंत्र तैयार करके इनोवेशन के संवर्धन में योगदान दिया जाएगा। विश्वविद्यालय में इनोवेशन सेल स्थापित किया जायेगा जो नवीनतम् तकनीकी एवं व्यवसायिक विचारों को वास्तविक उत्पाद एवं सेवाओं में परिवर्तित करने के लिए प्रोत्साहन देगा तथा शिल्पकारों, बुनकरो, कास्तकारों, मेकेनिक, बढ़ई, कुम्हार आदि के उपयोगार्थ वैज्ञानिक नवीन अन्वेषण को प्रोत्साहित करेगा ताकि ऐसे उत्पाद विकसित हो सकेे जो कि वाणिज्यिक रुप से व्यवहारक हों। लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगो में उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से नवीन प्रयोग भी किये जाएंगे।
श्रीमती गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी शासकीय संस्थानों तथा कुछ निजी संस्थानों को इनोवेशन हेतु फैसिलिटेटर संस्थान के रुप में चयनित किया जायेगा जिनके साथ आस-पास स्थित अभियंत्रण कालेज जोड़े जाएंगे। फैसिलिटेटर संस्थानों द्वारा इन कालेजों के फैकल्टी, छात्रों एवं उद्यमियों को इनोवेशन के पोषण हेतु मार्गदर्शन दिया जायेगा और आवश्यकतानुसार इनोवेटर्स को उक्त चार इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेंटर्स में कार्य करने के लिए सम्बद्ध किया जाएगा। इनोवेशन परियोजनाओं के मूल्यांकन, वित्त पोषण, प्रभाव मूल्यांकन संबंधी कार्य विश्वविद्यालय अपने इनोवेशन सेल के माध्यम से करेगा। इसका अनुश्रवण शासन स्तर पर गठित स्टेयरिंग कमेटी द्वारा किया जायेगा।