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अरुण जेटली ने डीईए में 15 इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन का शुभारंभ किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली और विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री आर. के. सिंह ने आज नई दिल्‍ली में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) में 15 इलेक्‍ट्रिक वाहनों के आगमन का शुभारंभ किया। वित्त सचिव श्री अजय नारायण झा, आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव श्री सुभाष चन्‍द्र गर्ग, विद्युत मंत्रालय में सचिव श्री अजय भल्‍ला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में सचिव श्री आनंद कुमार और व्‍यय विभाग में ओएसडी (विशेष ड्यूटी पर अधिकारी) श्री जी. सी. मुर्मू भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

ई-मोबिलिटी को अपनाये जाने के अवसर पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने अपने अधिकारियों के लिए 15 इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के उद्देश्‍य से विद्युत मंत्रालय के अधीनस्‍थ निकाय एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। इसके अलावा इन वाहनों को चार्ज करने के लिए नॉर्थ ब्‍लॉक में 28 चार्जिंग प्‍वाइंट स्‍थापित किए गए हैं। 6 घंटे में चार्ज करने वाले 24 धीमी चार्जिंग केन्‍द्र और सिर्फ 90 मिनट में चार्ज करने वाले 4 तीव्र चार्जिंग केन्‍द्र इन चार्जिंग प्‍वाइंट्स में शामिल हैं।

पांच वर्षों की अवधि के लिए पट्टे या लीज पर लिए गए इन 15 वाहनों का उपयोग करने से आर्थिक मामलों के विभाग को प्रति वर्ष 36,000 लीटर से भी अधिक ईंधन की बचत होने की आशा है। इसके अलावा, इससे प्रति वर्ष कार्बन डाई ऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन में लगभग 440 टन की कमी भी संभव हो पाएगी। ये वाहन ऑटोमैटिक हैं और शून्य उत्सर्जन के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। सरकार को इसके साथ ही रख-रखाव और परिचालन लागत में भी बचत होगी, जो आंतरिक दहन इंजन की तुलना में लगभग एक चौथाई है।

इस कदम के साथ ही वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कम कार्बन के उत्‍सर्जन के साथ-साथ पर्यावरणीय दृष्टि से अपेक्षाकृत अधिक टिकाऊ भविष्‍य की ओर अग्रसर होना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही यह वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत बेड़े के विद्युतीकरण से संबंधित भारत के ई-मोबिलिटी लक्ष्‍य में उसकी भागीदारी को भी दर्शाता है। देश भर में अनेक हितधारक पहले से ही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी ओर से सहयोग देने की पहल कर रहे हैं। अभी कई और हितधारकों के इन प्रयासों से जुड़ने की आशा है।

व्‍यय विभाग ने भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू करने हेतु दिल्‍ली स्थित सभी सरकारी कार्यालयों के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और इसके साथ ही भारत में विद्युत क्षमता वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा जिससे देश का ऊर्जा परिदृश्‍य बेहतर हो जाएगा। यही नहीं, इन वाहनों का उपयोग करने के परिणामस्‍वरूप परिवहन क्षेत्र में ग्रीनहाउस गैसों (जीएचजी) का उत्‍सर्जन और कम हो जाएगा। इसके अलावा, इससे विभिन्‍न शहरों में प्रदूषण के स्‍तर में कमी आएगी।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल असर के साथ-साथ विशेषकर वाहनों के उत्‍सर्जन से लोगों के स्‍वास्‍थ्य को हो रहे खतरे में भी कमी करने की दृष्टि से एक आकर्षक, टिकाऊ और लाभप्रद समाधान या सॉल्‍यूशन है। उन्‍होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में विनिर्माण, रोजगार सृजन और तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि करके भारत के विकास में व्‍यापक सहयोग देने की असीम क्षमता है। श्री जेटली ने कहा कि हम भारत में ई-मोबिलिटी को तेजी से अपनाने के मिशन का हिस्सा बनने से अत्‍यंत प्रसन्‍न हैं।

विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह ने कहा कि भारत सरकार देश में स्‍वच्‍छ, हरित और भविष्‍य उन्‍मुख प्रौद्योगिकियों का दौर शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि आज हमने इस दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

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