25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यूजीसी(आनलाइन पाठ्यक्रम) नियम,2018 को अनुमति दी

जॉबदेश-विदेश

नई दिल्ली: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने 24 मई,2018 को संपन्न एक बैठक में यूजीसी(आनलाइन पाठ्यक्रम) नियम,2018 को अनुमति प्रदान की। उच्च शिक्षा संस्थान अब केवल उन विषयो में ऑनलाइन सर्टिफिकेट,डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम/कोर्स प्रदान कर सकेंगे जिनमें वो वो समान या मिलते जुलते पाठ्यक्रम नियमित रूप से स्नातक स्तर पर मुक्त या दूरस्थ शिक्षा में संचालित कर रहे हो। इसके साथ ही इसमें से एक समूह ने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की हो और जिसे वैधानिक परिषद की अनुमति प्राप्त हो। अन्य नियमो में इस परीक्षा का संचालन प्रोक्टर प्रणाली से हुआ हो और यह आयोग द्वारा ऐसी परीक्षाओं के लिए निर्धारित किसी भी नियम के अनुरुप होना चाहिए। ऑनलाइन अध्ययन के न्यूनतम चार भाग वीडियो व्याख्यान,ई-विषय वस्तु, स्वत-आंकलन और दुविधा को स्पष्ट करने के लिए चर्चा मंच होने चाहिए।

उच्च शिक्षा संस्थान ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए तभी योग्य होंगे जब वो वो कम से कम पांच वर्ष से अस्तित्व में हों और राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद(एनएएसी) से 4 बिंदु स्तर पर न्यूनतम 3.26 के मान्य अंक के साथ अधिकृत हो। इसके साथ ही वो गत 3 वर्षों में से कम से कम दो वर्ष राष्ट्रीय संस्थान  रैंकिग ढांचा( एनआईआरएफ) की समग्र श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ 100 सम्मिलित रहे हों।  हालांकि एनएएसी और एनआईआरएफ की शर्त वर्तमान में सरकारी मुक्त विश्वविद्यालय पर एनएएसी या समान प्रमाणन या एनआईआरएफ के उपलब्ध होने तक लागू नहीं होगी।

अध्यापन-अध्ययन और परीक्षा सहित सभी ऑनलाइन विचारविमर्श हेतु भारतीय और विदेशी छात्रो के सत्यापन के लिए आधार और पासपोर्ट का प्रयोग किया जाएगा।

विद्यार्थी के कार्य की निगरानी अतुल्यकालीक/समकालीन विचारविमर्श में भागीदारी, असाइनमेंट गतिविधि और कार्यक्रम में सहभागिता द्वारा होगी।विद्यार्थी की भागीदारी प्रत्येक पखवाडे 2 घंटे सुनिश्चित करने के लिए अध्ययन प्रबंधन प्रणाली के विश्लेषण का प्रयोग किया जाएगा।

इन नियमो के लागू होने से प्रवेश,अध्ययन-अध्यापन,परीक्षा,विद्यार्थी की प्रमाणीकता और पाठयक्रम संबधी जानकारी जैसे अवधि,प्रारंभ और पूर्ण होने की तिथि,शुल्क,विद्यार्थियों की संख्या,पहचान के साथ विद्यार्थियो के नाम, परिणाम आदि सुनिश्चित हो सकेंगे।

ये नियम शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लागू होंगे। यह नियम वर्ष 2020 तक 30 प्रतिशत के सकल नामांकन अनुपात(जीईआर) को प्राप्त करने में बड़ा कदम साबित होंगे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More