नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज बेंगलूरू में आयोजित एक समारोह में देश में मीज़ल्स रूबेल (एमआर) टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। इन दो बीमारियों के खिलाफ अभियान पांच राज्यों/संघशासित प्रदेशों (कर्नाटक, तमिलनाडू, पुदुच्चेरी, गोवा और लक्षद्वीप) से शुरू किया जायेगा, जिसके अंतर्गत करीब 3.6 करोड़ बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इस अभियान के बाद मीज़ल्स रूबेल (एमआर) टीका नियमित रोग-प्रतिरक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा, जो वर्तमान में दी जा रही मीज़ल्स की खुराक का स्थान लेगा। वर्तमान में यह खुराक दो बार यानी 9-12 महीने और 16-24 महीने की आयु के बच्चों को दी जाती है।
टीके के उद्घाटन के अवसर पर केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री श्री सदानंद गौडा, केन्द्रीय संसदीय कार्य, रसायन और उर्वरक मंत्री श्री अनन्त कुमार, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, कर्नाटक सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. शरणप्रकाश रूद्राप्पा पाटिल, कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री के आर रमेश और जाने-माने अभिनेता श्री रमेश अरविन्द उपस्थित थे। गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संचार सामग्री का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि सरकार देश को चेचक (मीज़ल्स) और हलका खसरा (रूबेल) से मुक्त करने के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस काम में राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, गेट्स फाउंडेशन, लायन्स क्लब, आईपीए, आईएमए आदि विकास भागीदारों को शामिल करेगी।
एमआर अभियान का लक्ष्य देशभर में करीब 41 करोड़ बच्चों को लाभ पहुंचाना है। इन सभी की आयु 9 महीने से 15 वर्ष के बीच है।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों में डा. अरूण के. पंडा, एएसएमडी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, श्री एस सी खुंटिया, मुख्य सचिव, कर्नाटक, डा. शालिनी रजनीश प्रधान सचिव, कर्नाटक, श्रीमती वंदना गुरनानी, जेएस (आरसीएच, आईईसी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विकास भागीदारों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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