जम्मू/श्रीनगर: अलगाववादी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी और दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ कश्मीर में हिंसक विरोध प्रदर्शन फूटने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को निशाने पर लिया है।
कांग्रेस ने मसरत आलम की रिहाई के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर मध्यावधि चुनाव की तरफ बढ़ रहा है। जम्मू में कांग्रेस के सीनियर नेता शाम लाल शर्मा ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मध्यावधि चुनाव की तैयारी में जुट जाएं और जबर्दस्त बहुमत हासिल करें।
उन्होंने अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। बुधवार को मसरत आलम की रैली में पाकिस्तानी झंडे लहराए गए थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री शर्मा ने कहा, ‘भागवत गीता में कहा गया है कि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। आप सभी जबर्दस्त बहुमत हासिल करने खातिर मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार हो जाएं क्योंकि प्रदेश उसी तरफ बढ़ रहा है। हमलोग को ऐसा लग रहा है कि एक या डेढ़ साल में यहां फिर से विधानसभा चुनाव होंगे।’
शर्मा ने कहा कि बीजेपी धार्मिक भावनाओं का दोहन कर रही है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने सत्ता हासिल करने के लिए भगवान राम का सौदा किया। बीजेपी वालों ने केंद्र और राज्य की सत्ता हथियाने के लिए धार्मिक भावनाओं का दोहन किया है। रावण छल के जरिए सीता का अपहरण करने में सफल रहा था। यहां भी लोग छल के जरिए सत्ता हासिल कर रहे हैं।’शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार ने अलगाववादी नेता मसरत आलम को जेल से बाहर नहीं आने दिया था। उन्होंने कहा कि हमलोग के हाथ में जब सत्ता थी तब आलम चार सालों से ज्यादा वक्त से जेल में बंद था। लेकिन पीडीपी और बीजेपी की सरकार ने सत्ता हासिल करते ही आलम को रिहा कर दिया। शर्मा ने कहा कि इसके लिए पीडीपी और बीजेपी दोनों पार्टियां जिम्मेदार हैं लेकिन बीजेपी ने न केवल लोगों के साथ छल किया है बल्कि देश को भी धोखा दिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मुफ्ती ने शपथ लेने के तुरंत बाद राज्य में सफल इलेक्शन के लिए पाकिस्तान को शुक्रिया कहा। मुफ्ती के इस रवैये पर बीजेपी नेता और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कोई आपत्ति क्यों नहीं जताई?’ शर्मा ने कहा, ‘जब कांग्रेस उमर अब्दुल्ला सरकार में थी तब जम्मू के लोगों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाती थी। यहां तक कि जब हमने पीडीपी के साथ सरकार बनाई तब भी जम्मू के लिए लड़ा। हमने उमर अब्दुल्ला सरकार में रहते हुए भी उनसे साफ कह दिया था कि आप जम्मू के लिए सब कुछ नहीं कर सकते तो कुर्सी छोड़ दीजिए।’ शुक्रवार को श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों और लोगों की झड़प में कम से कम 14 लोग जख्मी हो गए। इस विरोध प्रदर्शन को मीरवाइज उमर फारुख लीड कर रहे थे। आर्मी ऑपेरशन के दौरान दो युवकों की मौत के बाद घाटी में लोग एक बार फिर से सड़क पर हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि मारे गए लोग नागरिक हैं जबकि आर्मी इन्हें आतंकी बता रही है। मीरवाइज फारुख ने मांग की है कि त्राल एनकाउंटर की जांच कराई जाए और प्रदेश से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स ऐक्ट को तत्काल हटाया जाए।
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