चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर लोगों के बीच में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. जिसके फलस्वरुप शक्ति के तमाम साधक असमंजस की अवस्था थी. विशेष रूप से वे भक्तगण जो चढ़ती और उतरती का व्रत रखते हैं. इसी तरह माता को समर्पित अष्टमी और भगवान श्री राम की जयंती की तिथि को लेकर भी भ्रम बना हुआ थ. लेकिन अब इस बात की संका दूर हो गई है. आपको बता दें कि इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन है.
कब रखें नवमी का व्रत
उपरोक्त विवरण से स्पष्ट हो जाता है कि नौ दिन व्रत रहने वाले अथवा मातृनवमी का व्रत रहने वाले श्रद्धालु भी 13 अप्रैल को ही नवमी का व्रत रखेंगे. सारांश रूप में अष्टमी अथवा नवमी दोनों तिथियों के व्रत रखने वाले लोगों को दिनांक 13 अप्रैल 2019 रखने की सलाह दी जाएगी.
जानें किस दिन और किस समय करें पारण
नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्तगण, जो नवमी के दिन हवनादि क्रिया करते हैं, उनके लिए भी शनिवार को ही हवनादि का कार्य करना श्रेयस्कर कहा जाएगा एवं दिनांक 14 अप्रैल 2019 नवमी तिथि का भोग मात्र प्रात: 09:35 मिनट तक ही है, अत: पारण आदि कार्य इस समय के बाद करना लाभकारी कहा जाएगा.
इस बार नवमी तिथि का व्रत भी अष्टमी तिथि के साथ, यानी आज ही के दिन किया जायेगा. इसको लेकर संशय अब दूर हो गया. मतलब आज ही अष्टमी, नवमी और नवरात्र का समापन कन्या पूजन के साथ हो जाएगा.