जकार्ता: ईरान ने 18वें एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में विश्व कबड्डी के सरताज भारत को 27-18 से हराकर इतिहास रच दिया। इस हार के बाद भारतीय टीम को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
1990 में कबड्डी को एशियाई खेलों में शामिल करने के 28 साल बाद यह पहली बार है जब भारतीय पुरुष टीम स्वर्ण पदक अपने घर न ला सकी।
भारत ने इससे पहले एशियाई खेलों के साथ साथ विश्व कप, एशिया कप और दक्षिण एशियाई खेलों, सभी में खिताब जीते थे।
वहीं ईरान के लिए किसी भी टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में भारत के खिलाफ उसकी यह पहली जीत है।
मैच में भारतीय रेडरों और ईरान के डिफेंस के बीच शानदार मुकाबला देखने को मिला। मुकाबले में ईरान शुरू में संघर्ष करता दिख रहा था, लेकिन बाद में उसने सुपरटेकल में शानदार वापसी की। ईरान ने सुपरटेकल में सबसे ज्यादा अंक बटोरे।
पहले हाफ में भारत ने सकारात्मक शुरूआत की और 6-1 से बढ़त बना ली। इसके बाद ईरान ने शानदार डिफेंस का प्रदर्शन करते हुए दमदार सुपर टैकल किए। इसका नतीता रहा कि पहला हाफ 9-9 की बराबरी पर समाप्त हुआ।
भारत ने दूसरे हाफ में 14-11 से शुरूआती बढ़त बना ली थी। मुकाबला समाप्त होने में 10 मिनट का समय बचा था कि राहुल चौधरी ने तीन अंक लेकर बढ़त को मजबूत किया। लेकिन डिफेंस में दूसरे खिलाड़ियों से सहयोग न मिल पाने के कारण राहुल बैकफुट पर चले गए।
वहीं मोनू गोयत, प्रदीप और रिशांक ईरान के डिफेंस के आगे असहाय नजर आए। ईरान के नबीबक्श ने मोहित और गिरिश को छूकर दुनिया के सबसे बेहतरीन अटैक को तोड़ते हुए मैच को 26-14 से अपने नाम किया।