बैडमिंटन की दुनिया में रविवार का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा. देश के उभरते बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने एशियन जूनियर चैंपियनशिप के पुरूष वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया.
लक्ष्य ने मौजूदा जूनियर विश्व चैंपियन थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्न को सीधे सेटों में हराकर खिताब अपने नाम किया. वितिदसर्न ने खेल की शुरुआत आक्रामक अंदाज में की. लेकिन, जल्द ही लक्ष्य लय में आ गए. कांटे की टक्कर में लक्ष्य ने पहला गेम 21-19 से जीत लिया. कड़े मुकाबले में दूसरा गेम भी सोलह साल के लक्ष्य ने 21-18 से जीता और इस प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.
लक्ष्य सेन की जीत के साथ ही भारत ने 53 साल बाद यह प्रतियोगिता जीतने में कामयाबी पायी है. 1965 में गौरव ठक्कर ने इस प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीता था. उसके बाद से पुरुष वर्ग में भारत को खिताब का इंतज़ार था. हालांकि, महिला वर्ग में पीवी सिंधु ने 2012 में इस टूर्नामेंट का गोल्ड जीता था. 2016 में भी लक्ष्य ने इस प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था.