नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि तिनसुखिया, लखीमपुर, कोकराझार और कामरूप के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए पहले से ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 6 टीमें तैनात हैं और राजधानी गुवाहाटी में एनडीआरएफ की एक बटालियन तैयार है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर बिना देरी के उन्हें कार्रवाई के लिए भेजा जा सके। वे आज यहां एक प्रेस वार्ता में सरकार द्वारा असम में बाढ़ की स्थिति से तुरंत निपटने के बारे में बता रहे थे। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि 17 अगस्त से हुई भारी बारिश के बाद से विशेष रूप से ब्रह्मपुत्र नदी और जियाभराली, पुतिमारी, बेकी और मानस सहित अन्य नदियों में जलस्तर सामान्य से ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि असम के करीब 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसमें कोकराझार, बारपेटा, धुबरी, शोणिपुर, धेमाजी, लखीमपुर, डिब्रुगढ़ और तिनसुखिया अत्याधिक प्रभावित हैं, लेकिन एनडीआरएफ सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा समय पर तुरंत कार्रवाई करने से क्षति कम हुई है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और राहत सामग्री वितरित की गई है। इसके अतिरिक्त बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल की टीमें भेजी जा रही हैं तथा बाढ़ के बाद बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए योजना तैयार की जा रही है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार से पत्रक के रूप में क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है और रिपोर्ट मिलते ही केन्द्र सरकार इसके अनुसार आगे मदद और सहायता की योजना बनाएगी। उन्होंने पूरा सहयोग देने के लिए गृह मंत्रालय और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को धन्यवाद दिया और असम के लोगों से कहा कि कल से अधिकतर जिलों में जलस्तर कम होना शुरू हो गया है, जो राहत की बात है तथा ऐसा लगता है कि बुरा समय बीत गया है।