देहरादून: प्रदेश के विद्यालयी पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी की अध्यक्षता में विधान सभा सभागार में पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में पेयजल मंत्री ने पेयजल योजनाओं में कार्यरत अंशकालिक चैकीदारों(पीटीसी) के मानदेय में वृद्धि करने के निर्देश दिये। साथ ही अंशकालिक चैकीदारों को जल संस्थान के ढांचे में समावेश हेतु प्रस्ताव तैयार करने के दिये। वर्तमान में ग्रामीण पेयजल योजनाओं के रख रखाव के लिए कार्यरत अंशकालिक चैकीदारों को लगभग 1800 सौ रूपये प्रतिमाह का मानदेय प्राप्त हो रहा है। पेयजल मंत्री ने सचिव पेयजल श्री ह्यांकी को निर्देश दिये, कि जिन योजनाओं में 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, उनमें अवशेष धनराशि शीघ्र जारी करने को कहा तथा कार्यदायी संस्थाओं को व्यय का यू0सी0, शासन को तुरन्त प्रेषित करने के निर्देश दिये, ताकि योजना का लाभ तुरन्त लोगों को मिल सके। पेयजल मंत्री ने सिल्काखाल, आॅवला घाट, कोसी बैराज आदि परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अवशेष वांछित मांग शीघ्र जारी करने के निर्देश मुख्य अभियन्ता जल निगम को दिये। उनका कहना था, कि इन योजनाओं में 75 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है, पेयजल मंत्री द्वारा पौड़ी की डांडा नागरजा नैनीडांडा तथा भैरवगढ़ी पेयजल परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भैरवगढ़ी योजना में सैन्य विभाग द्वारा भी धन प्राप्त हो गया है। वसूली की समीक्षा के दौरान कम लक्ष्य हासिल करने वाले पेयजल डिवीजनों को वसूली में तेजी लाने के निर्देश पेयजल मंत्री ने दिये।
वसूली की समस्या के दौरान अवैध पेयजल कनेक्शनों को काटने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिये गये, तथा सचिव पेयजल द्वारा अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देश दिये गये कि वसूली के लक्ष्य को समयबद्ध कार्यक्रम के अन्तर्गत पूरा करें। उन्होंने कहा कि वसूली की प्रगति का वार्षिक प्रविष्टी में आंकलन किया जायेगा। सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी ने वसूली का कार्य नियमित गति से चलाने के निर्देश अभियन्ताओं को दिये। पेयजल मंत्री ने स्पेशल कम्पोनेंट प्लांट तथा ट्राईबल सब प्लांट की समीक्षा करते हुए समस्त अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देश दिये, कि वे पर्वतीय क्षेत्र में हैण्डपम्प योजनाओं का प्रस्ताव जिला प्रशासन को प्रस्तुत करें।
आपदा क्षतिग्रस्त योजनाओं की समीक्षा के दौरान जल संस्थान के मुख्य महाप्रबन्धक इं0एस0के0गुप्ता द्वारा अवगत कराया गया, कि विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं के लिए 52 करोड़ 36 लाख रूपये की मांग की गई थी, जिसके सापेक्ष समस्त जिलाधिकारियों से प्राप्त धनराशि बहुत कम है। पेयजल मंत्री ने आपदा में क्षतिग्रस्त योजनाओं में प्राप्त कम धन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव वित्त से आपदा क्षतिग्रस्त पेयजल योजना के लिए आपदा मद में अनुरक्षण धन राशि बढ़ाने हेतु दूरभाष पर वार्ता की तथा सचिव पेयजल श्री ह्यांकी से जिलाधिकारियों से आपदा मद में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं हेतु अधिक-अधिक धनराशि आबंटन कराने हेतु दूरभाष पर वार्ता करने के निर्देश दिये। जिस पर सचिव पेयजल श्री ह्यांकी ने उपस्थित अधीक्षण अभियन्ताओं से उनके अधीनस्थ आपदा में क्षतिग्रस्त योजनाओं से सम्बन्धित विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जल संस्थान द्वारा अधिष्ठापित हैंण्ड पम्पों एवं नये हैंण्ड पम्पों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा के दौरान सचिव पेयजल श्री ह्यांकी ने बताया कि शासन द्वारा 233 हैण्ड पम्पों की स्वीकृति जारी कर दी गई है।
पेयजल निगम की समीक्षा के दौरान पेयजल मंत्री ने पूर्णता की ओर अग्रसर पेयजल परियोजना विकासखण्ड कीर्तिनगर के अन्तर्गत सिल्काखाल, ग्राम समूह पंम्पिंग योजना जिसमें लगभग 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, के लिए पूरा धन अवमुक्त करने के निर्देश मुख्य अभियन्ता जल निगम को दिये। इस योजना के निर्माण से 65 बस्तियों को पेयजल उपलब्ध होगा। योजना की स्वीकृत लागत 32 करोड़ 17 लाख रूपये है। योजना में 16.52 करोड़ रूपये खर्च किया जा चुका है। देवप्रयाग के अन्तर्गत सजवाण काण्डा ग्राम समुह पंम्पिंग योजना के लिए भी अवशेष लगभग 3.75 करोड़ रूपये की धनराशि शीघ्र जारी करने के निर्देश मुख्य अभियन्ता जल निगम को दिये। कोसी बैराज, डीडीहाट पंम्पिंग योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए पेयजल मंत्री द्वारा इन परियोजनाओं में अवशेष धनराशि शीघ्र जारी करने के निर्देश मुख्य अभियन्ता को दिये गये।
बैठक में उत्तराखण्ड पेयजल निगम निर्माणविंग के अधीनस्थ संचालित निर्माण कार्यों की भी विस्तार से समीक्षा की गई। पेयजल निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में 432 योजनाएं निर्माणाधीन हैं। तथा इन योजनाओं की लागत 592 करोड़ है। उन्होंने नमामि गंगे योजना की भी समीक्षा की।
बैठक में निदेशक स्वजल आशीष जोशी, मुख्य महाप्रबन्धक जलसंस्थान इं0 एस0 के0 गुप्ता, मुख्य अभियन्ता जल निगम प्रभात राज, महाप्रबन्धक एस0सी0जैन, उप सचिव अधिष्ठान रणजीत सिंह एवं उप सचिव बजट महावीर सिंह तथा उप सचिव कलम सिंह चैहान, अनु सचिव निर्मल कुमार, अनुभाग अधिकारी गोपाल सिंह सहित जल संस्थान, निगम के अधीक्षण अभियन्ता एवं सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।