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नहरों की सत्ता किसानों को सौंपना सिंचाई मंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: नहरों की सत्ता और पूर्ण व्यवस्था किसानों को सौंपना सिंचाई मंत्री श्री धर्म पाल सिंह की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह उदगार प्रमुख अभियन्ता परियोजना श्री पी0पी0 पाण्डेय ने आज 11 बजें वाल्मी सभागार में विश्व बैंक पोशित परियोजना यूपीडब्लूएसआरपी, पैक्ट के सौजन्य से वाल्मी द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। श्री पाण्डेय ने कहा कि सिंचाई मंत्री की प्रसंशनीय पहल से उत्तर प्रदेश सरकार में पहली बार सिंचाई सहभागी प्रबंधन मद में पर्याप्त बजट की व्यवस्था की जा रही है, जो अपने आप में कीर्तिमान है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अभियन्ता, पैक्ट श्री ए0के0 सेंगर ने कहा कि सिंचाई मंत्री के मार्गदर्शन एवं प्रमुख सचिव सिंचाई के कुशल नेतृत्व में सहभागी सिंचाई प्रबंधन (पिम) प्रदेश में जन आन्दोलन का स्वरूप ले रहा है। श्री सेंगर ने कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा निर्वाचित जल उपभोक्ता समितियाॅ सिंचाई विभाग और किसानों के मध्य सुगम संवाद सेतु का काम करेगी जिससे किसानों की समस्याओं का निराकारण सिंगल विन्ड़ों सिस्टम के द्वारा होगा। जो किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगा, उन्होंने कहा कि पैक्ट के द्वारा बुंदेलखण्ड के जनपद ललितपुर की चार नहरों का पूर्ण प्रबन्ध निर्वाचित जल उपभोक्ता समितियों को सौंप दिया गया है तथा परियोजना के अन्य जनपदो/संगठनों में जल उपभोक्ता समितियों की निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण होने जा रही है। निर्वाचित सदस्यों को राज्य ग्राम विकास प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षित कर नहरों का प्रबन्ध जल उपभोक्ता समितियों को सौंप दिया जाएगा।

कार्यशाला के उदद्ेश्य पर प्रकाश डालते हुए वाल्मी (भूमि एवं जल प्रबंधन सस्थान) के निदेशक श्री पी0डी0 शर्मा ने कहा कि विश्व बैंक पोशित उ0प्र0 वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के प्रथम चरण में निर्वाचित जल उपभोक्ता समितियों के अनुभवों के आधार पर सहभागी सिंचाई प्रबंधन को नया स्वरूप देने की उददेश्य को शासन की मंशा के अनुरूप यह दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है इसमें संबंधित सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अलावा यू0पी0डब्लू0एस0आर0पी0 के प्रथम चरण के गठित जल उपभोक्ता समितियों के पदाधिकारी भी भाग लेंगे। जिससे विगत अनुभवों के आधार पर वर्तमान में संचालित सहभागी सिंचाई प्रबंधन को नया स्वरूप दिया जा सकेंगा।

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