नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु
ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा कि आईएएस अधिकारियों को अपने करियर की शुरूआती तीन महीनों में सहायक सचिवों के रूप में कार्य करने का लाभ मिल रहा है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 2015 में की थी।
2017 बैच के सहायक सचिवों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस पहल की शुरुआत प्रयोग के तौर पर की गई थी, लेकिन यह अच्छी साबित हुई। इन सहायक सचिवों को इस समय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में तीन महीने का कार्य सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में जिन युवा आईएएस अधिकारियों ने आरंभ में यह प्रशिक्षण लिया है, वह इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्य करने का उन्हें लाभ मिला है। साथ ही सरकार में उनकी सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहचान बनाने में भी मदद मिली है। जिन मंत्रालयों और विभागों में इन युवाओं को शुरुआत की तीन महीनों में रखा गया, उन्हें भी इन लोगों से अनेक नई जानकारियां प्राप्त हुई हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर लाभ मिलने के अलावा सहायक सचिवों के रूप में तीन महीने की अवधि के दौरान इन युवा अधिकारियों को सरकार के प्रमुख और प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिन्हें वह दिए गए कैडर के अनुसार अपने सम्बद्ध राज्यों में लागू कर सकते हैं। साथ ही तीन महीने की अवधि में युवा आईएएस अधिकारियों को यह भी अवसर मिलता है कि वे प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों के समक्ष अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन कर सकें, जिसका अन्यथा उन्हें अपने पूरे करियर में मौका नहीं मिल पाता।
जिन सहायक सचिवों ने डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की उन्हें डॉ. सिंह ने सुझाव दिया कि वे तीन महीने की कार्य अवधि की समाप्ति पर, उन्हें दिए गए विषय पर औपचारिक प्रस्तुति देने के अलावा यदि वे अनौपचारिक रूप से इस अवधि के दौरान अपने अनुभवों के बारे में जानकारियां और सुझाव दे सकें, तो अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि इससे कार्मिक मंत्रालय को इस प्रक्रिया में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात करने वाले डीओपीटी के सहायक सचिवों में बिहार कैडर के अनिल कुमार, पंजाब कैडर के सागर सेतिया और केरल कैडर के प्रांडल पाटिल शामिल थे।