भारतीय नौसेना के लिए जीआरएसई द्वारा निर्मित आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी प्रोजेक्ट में से पहले जहाज ‘अर्नाला’ 20 दिसंबर, 2022 का चेन्नई के मैसर्स एलएंडटी, कट्टुपल्ली में शुभारंभ किया गया। रक्षा मंत्रालय की वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) श्रीमती रसिका चौबे की उपस्थिति में जहाज के शुभारंभ कार्यक्रम में10:40 बजे बंगाल की खाड़ी के पानी में इसे उतारा गया। नौसेना की समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए, श्रीमती रसिका चौबे ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण के साथ जहाज का शुभारंभ किया। महान मराठा योद्धा, छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अर्नाला द्वीप (वसई, महाराष्ट्र से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर में स्थित) को दिए गए रणनीतिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए जहाज का नाम अर्नाला रखा गया है।
29 अप्रैल, 2019 को रक्षा मंत्रालय और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। अर्नाला वर्ग के जहाज भारतीय नौसेना के अभय वर्ग एएसडब्ल्यू जहाजों की जगह लेंगे और तटीय जल में उपसतह निगरानी सहित तटीय जल और कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) में एंटी-सबमरीन संचालन करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इन 77.6 मीटर एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 25 समुद्री मील की अधिकतम गति और 1800 एनएम की सहनशक्ति के साथ 900 टन का विस्थापन है।
कोविड-19 महामारी के कारण चुनौतियों के बावजूद, जीआरएसई ने इस परियोजना के जहाजों पर पर्याप्त प्रगति की है। इस जहाज का शुभारंभ प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में पूरी तरह से स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रति हमारे संकल्प को मजबूत करता है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा निष्पादित किया जाता है और देश के भीतर रोजगार और क्षमता का निर्माण होता है।