देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सेलाकुई के औद्योगिक आस्थान में इंदिरा अम्मा भोजनालय का शुभारम्भ किया। सिडकुल व उत्तराखण्ड इंडस्ट्रीयल
वेलफेयर एसोसिएशन, सेलाकुई के संयुक्त सहयोेग से प्रारम्भ भोजनालय का विधिवत उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि निम्न आय वर्ग के लोगों को सस्ता, साफ-सुथरा व पोष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इंदिरा अम्मा भोजनालय की कन्सेप्ट को प्रारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट में इंदिरा अम्मा भोजनालयों की सब्सिडी के लिए 5 करोड़ रूपए का प्राविधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सेलाकुई के इंदिरा अम्मा भोजनालय को रोटी बनाने की मशीन व प्रति थाली एक रूपए की प्रोत्साहन राशि दिए जाने की घोषणा की। अगले वित्तीय वर्ष में राज्य के प्रत्येक सिडकुल क्षेत्र में सिलाई, बुनाई व कढ़ाई केंद्र स्थापित किया जाएगा। इन्हें महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें अपने परम्परागत व्यंजनों व उत्पादों को प्रोत्साहित करना होगा। गर्भवती महिलाओं को 2 किग्रा मंडुवा, 1 किग्रा काला भट व 1 किग्रा आयोडिनयुक्त नमक देना प्रारम्भ किया गया है। इसके बेहतर परिणाम भी मिलने लगे हैं। रूद्रप्रयाग सहित कई जिलों में शिशु व मातृत्व मृत्यु दर में कमी आई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सेलाकुई के इंदिरा अम्मा भोजनालय को संचालित करने वाले महिला स्वयं सहायता समूह की प्रशंसा करते हुए कहा कि महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को मार्केट उपलब्ध करवाने पर काम किया जा रहा है। लगभग 100 महिला स्वयं सहायता समूहों ने अपनी सक्रियता भी दिखाई है। राज्य व समाज के विकास के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण जरूरी है। हमने अनेक योजनाएं महिलाओं के हित में शुरू की हैं। जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक, जीवन के प्रत्येक भाग में महिलाएं राज्य सरकार की किसी न किसी योजना से लाभान्वित हो रही हैं। हम महिला सराय योजना भी प्रारम्भ करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा, खेती व हस्तशिल्प राज्य की तरक्की के तीन मूल मंत्र हैं जिन्हें राज्य के प्रत्येक नागरिक को अपनाना होगा। माता-पिता अपने बच्चों की पढाई पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दें। हमें अपनी खेती की ओर लौटना होगा। राज्य सरकार ने पेठा, बड़ा नींबु, माल्टा सहित अन्य स्थानीय कृषि उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाया है। इसी प्रकार हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए हेडलूम क्लस्टर बना रहे हैं। हमने विभिन्न प्रकार की पेंशनें प्रारम्भ की हैं। राज्य में सामाजिक कल्याण की पेंशन योजनाओं से लाभान्वितों की संख्या 2.25 लाख से बढ़कर 6 लाख हो गई है।