नई दिल्लीः मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि एक बार फिर मैं आपके साथ हूं । अफगानिस्तान भारत का निकटतम पड़ोसी है और आप मेरे हृदय, मन और मस्तिष्क में बसे हुए हैं। भारतीय और अफगानी हमेशा से निकटतम मित्र रहे हैं।
आज हम एक बार फिर अपनी दोस्ती की एक और उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए एक साथ जुड़े हैं और हमारे सहयोग की लाभदायी यात्रा की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
महामहिम गनी,
कुछ एक चीजे बड़ा आनंद देती हैं बजाए इसके कि संयुक्त पहल की सफलता का जश्न अच्छे दोस्तों के साथ हम मिलकर मना रहे हैं। आप और मैं भाग्यशाली हैं कि विगत महीनों में महत्वपूर्ण अवसरों पर हम ऐसा कर पाएं हैं।
पिछले वर्ष दिसंबर में आप और अफगानी लोग अफगान संसद के उद्घाटन के अवसर पर मेरे साथ खड़े थे।
यह उद्घाटन आधुनिक अफगानिस्तान की नींव को मजबूत करने की दिशा में हमारी संयुक्त पहल का प्रतीक है और इसने यह कर दिखाया है। भारत अफगानिस्तान, ईरान आवागमन समझौता जिसे हमने इस साल मई महीने में हस्ताक्षर किए । वो हमारी साझेदारी में एक और नील का पत्थर है।
हमारा यह स्पष्ट तौर पर मानना है कि अफगानिस्तान की आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए नये मार्गों का निर्माण किया जाए एक माह के बाद इस साल जून के महीने में हमने हाथ से हाथ मिलाया और अफगान-भारत की मैत्री के डैम का उद्घाटन किया है।
सलमा बांध से अफगानिस्तान के हेरात इलाके की अर्थव्यवस्था और कृषि न केवल पुनर्जीवित एवं नवीकृत होगी बल्कि अफगानिस्तान के संपूर्ण विकास एवं प्रगति के लिए एक सशक्त एवं चिरकालिक समर्थन के सेतु का भी निर्माण करेगी।
महामहिम आज स्टोर पेलेस का वीडियो उद्घाटन कई मायनों में सर्वथा भिन्न है । अनेक दृष्टि से यह कहीं ज्यादा मौलिक और हमारी व्यस्तता के आयामों का भी परिचायक है। मैं यह इसलिए कह रहा हूं कि यह अफगानिस्तान की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने का एक मूल्यवान अवसर है।
स्टोर पेलेस अनेक ऐतिहासिक घटनाओं के अनेक क्षणों के अपने कलेवर समेटे हुए है। उन लोगों के लिए जो अफगानिस्तान में हिंसा की परछाईयों से आगे देख पाने में असमर्थ हैं स्टोर पेलेस की पुर्नरबहाली अफगानिस्तान की समृद्ध परंपरा की याद दिलाती है।
साथ ही हमारे अफगानी भाईयों और बहनों के लिए अफगान समाज की लुप्त स्मृतियों, सौन्दर्य, वैभव और गौरव को पुन: स्थापित करती है।
हमारी मैत्री की नींव के अनुरूप यह हमारे संबंधों की ऐतिहासिक मैत्री और हमारी दोस्ती को प्रस्तुत करने में यह अहम कड़ी है। मैं सभी कलाकारों विशेषज्ञों और सलाहकारों की प्रशंसा करना चाहूंगा जिन्होंने दिन-रात काम करके इस नाजुक काम को अंजाम दिया है।
मित्रों,
हमारे समाज और लोगों के युगों-युग से पारस्परिक मजबूत संबंध रहे हैं।
अफगानिस्तान हमारा पड़ोसी मित्र है।
अत: यह देखकर हमें दुख होता है कि बाहरी ताकतों द्वारा प्रायोजित हिंसा और आतंक के प्रयोजित बाहरी प्रयासों के चलते हमारे गौरवांवित राष्ट्रों को लगातार चुनौती दी जा रही है।
मैं अफगानिस्तान के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा संकल्प : –
• समृद्ध अफगानिस्तान निर्माण करना और
• अपने समाज में शांति, सुरक्षा और स्थायित्व बहाल करना है। भारत की एक सौ 25 करोड़ जनसंख्या सदैव आपके साथ रहेगी।
• हमारी मैत्री की साझेदारी और शक्ति का संकल्प अफगानिस्तान के साथ अटूट है।
• आज का यह समारोह हमारे संकल्प और सहकारिता के प्रयासों का प्रतीक है।
हम चाहते हैं प्रत्येक अफगानी फुले-फले और आर्थिक विकास के लाभ हमारे समाज को प्राप्त हों।
कितनी भी बाधाएं आयें भारत सभी अफगानिस्तानियों के सुनहरे भविष्य के लिए आपके साथ काम करता रहेगा।
महामहिम,
अंत में इस अवसर पर मैं आपको और आपकी सरकार को भारतीय राजदूतवास तथा कान्सुलेट की रक्षा करने तथा अफगानिस्तान में काम कर रहे विशेषज्ञों की सुरक्षा तथा संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।
हमारे अफगानी भाईयों द्वारा दी गई शहादत को कभी नहीं भुलाया जाएगा।
मैं आपको आज आपकी गरिमामयी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देता हूं।
मैं आपसे जल्द से जल्द व्यक्तिगत रूप से मिलने की प्रतीक्षा में हूं।
मुझे यह भी उम्मीद है कि इस पुनरुद्वार हुए स्टोर पैलेस का एक न एक दिन दौरा करने का अवसर मिलेगा।
आपका धन्यवाद, बहुत-बहुत धन्यवाद।