नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) ने अपनी प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए सोमवार को मिशन की उच्च-स्तरीय समिति (एमएचएलसी) की बैठक आयोजित की। इसकी अध्यक्षता शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।
इस समिति ने पिछले साल एआईएम द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की और आने वाले वर्षों के लिए महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा की।
इस बैठक के दौरान एमएचएलसी के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश में नवाचार के वातावरण को मजबूत करने और छात्रों व युवाओं के बीच, विशेष रूप से टियर 2/3 शहरों के उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने आकांक्षी नवप्रवर्तकों के लिए संसाधनों और सहायता तक अधिक पहुंच प्रदान करने को लेकर प्रौद्योगिकी व डिजिटल मंच का लाभ उठाने के महत्व को भी रेखांकित किया।
इस समिति ने एआईएम 2.0 के लिए नियोजित कई प्रमुख पहलों पर चर्चा की। इनमें सभी छात्रों के लिए टिंकरिंग को लाना, क्षेत्रीय इन्क्यूबेशन केंद्रों और उद्योग प्रेरकों के उन्नत रूपों के साथ इकोसिस्टम को आगे बढ़ाना और क्षेत्रों, राज्यों व केंद्रीय मंत्रालयों के नवाचार क्षमता में बढ़ोतरी करना शामिल है।
इसके अलावा श्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रासंगिक क्षेत्र में नए इन्क्यूबेटर स्थापित करने और स्टार्टअप्स को सहायता देने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के साथ सहयोगी एआईएम के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने एआईएम और शिक्षा मंत्रालय को विद्यालय व उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार पाठ्यक्रम के विकास की दिशा में काम करने की सिफारिश की।
इस बैठक के बाद श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “अटल नवाचार मिशन ने देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमें नवाचार इकोसिस्टम को मजबूत करना जारी रखना चाहिए और इच्छुक नवप्रवर्तकों के लिए संसाधनों व सहायता तक अधिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि इन नई पहलों की शुरुआत के साथ हम देश में एक जीवंत और गतिशील नवाचार इकोसिस्टम के निर्माण में सक्षम होंगे।”
अटल नवाचार मिशन को मिशन की उच्च स्तरीय समिति के अन्य सदस्यों से भी विविध इनपुट प्राप्त हुए। इन सदस्यों में एमएचएलसी के उपाध्यक्ष विज्ञान और प्रौद्योगकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष व सीईओ, शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, डीएसटी, डीबीटी, डीएसआईआर और क्षमता निर्माण आयोग के सचिव के साथ निजी क्षेत्र व अकादमिक क्षेत्र से समिति के सदस्य हैं।
अटल नवाचार मिशन अपनी शुरुआत के बाद से देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में सहायक रहा है और यह उच्च स्तरीय समिति की बैठक देश में नवाचार तथा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के संबंध में सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।