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अटल नवाचार मिशन,नीति आयोग एवं राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने संयुक्‍त रूप से एटीएल स्‍कूलों में ‘कोलैबकैड’ का शुभारंभ किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी)  ने आज संयुक्‍त रूप से एक सहयोगपूर्ण नेटवर्क,कंप्यूटर सक्षम सॉफ़्टवेयर सिस्टम -कोलैबकैड लॉन्‍च किया।यह 2डी ड्राफ्टिंग एंड डिटेलिंग से 3डी प्रोडक्‍ट डिजाइन करने वाला एक समग्र अभियांत्रिकी समाधान है।

इस पहल का उद्देश्य देश भर में अटल टिंकरिंग लैबोरेटरीज़ (एटीएल) के छात्रों को रचनात्मकता और कल्पना के मुक्त प्रवाह के साथ 3 डी डिजाइन बनाने और संशोधित करने के लिए एक शानदार मंच प्रदान करना है। यह सॉफ्टवेयर छात्रों को पूरे नेटवर्क में डेटा तैयार करने और स्टोरेज और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए उसी डिज़ाइन डेटा का समवर्ती रूप से उपयोग करने में सक्षम बनाता है।

भारत भर में स्थापित एटीएलबच्‍चों को उनकेनवोन्‍मेषी विचारों और रचनात्मकता में निखार लाने का अवसर (यानी टिंकरिंग स्पेस) प्रदान करते हैं। एनआईसी की कोलैबकैड प्रणालीके साथ एआईएम का सहयोग,छात्रों के लिए 3 डी प्रिंटिंग का उपयोग करने हेतु 3 डी मॉडलिंग/स्लाइसिंग हेतु स्वदेशी, अत्याधुनिक मेड-इन-इंडिया सॉफ्टवेयर का इस्‍तेमाल करने एक बड़ा मंच है।

एटीएल के लिए कोलैबकैड का कस्‍टमाइज्‍ड स्‍वरूप,स्‍कूली छात्रों के लिए उनके विचारों और रचनात्‍मकता को वास्‍तविक समाधानों में साकार करने की सर्वाधिक उपयुक्‍त विशेषताओं से युक्‍त है। इसे निर्बाध डिजाइनिंग सक्षम बनाने और इस प्रकाररचनात्मकता और नवीनता को सृजित होने की अनुमति देने के लिए विकसित किया गया है।

मिशन निदेशक,अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग श्री आर रामानन ने सोशल मीडिया के माध्यम से कोलैबकैडको ऑनलाइन लॉन्च करते हुए कहा कि 3डीप्रिंटिंग नई 21 वीं सदी के नवाचारों का अभिन्न अंग बनने जा रहा है, और एआईएम, नीति आयोगको2.5 मिलियन से अधिक छात्रों वाले5000 अटल टिंकरिंग लैब्‍स में कोलैबकैडतक पहुंच सुनिश्चित करके डिजाइनिंग को सक्षम बनाने पर गर्व है।

उन्होंने कहा,“मुझे कोलैबकैडडिजाइन मॉड्यूल नामक एक अन्‍य महत्वपूर्ण मॉड्यूल के लॉन्च की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है। यह एक अद्भुत सॉफ्टवेयर कैडप्रणाली है, जो छात्रों को असंख्य 3 डी डिजाइन बनाने में सक्षम बनाएगी।मुझे इसका बेताबी से इंतजार रहेगा कि छात्र अपनेघरों से और साथ ही साथ अपने स्‍कूलों के सामान्‍य रूप से खुल जाने पर एटीएल लैब्‍स में अपनी रचनात्मकता और कल्पना के मुक्‍त प्रवाह के साथ इस अवसर का उपयोग कर महान नवाचारों की रचना करेंगे।”

इस बीच, एनआईसी इस सॉफ्टवेयरकैड प्रणाली के माध्यम से डेटा का एक बड़ा स्रोत प्रदान करके देश भर के छात्रों तक पहुंच बनाने के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

एनआईसीकी महानिदेशक डॉ नीता वर्मा ने इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुएकहा, एनआईसी को अपने इस मेक इन इंडिया 3डी उत्पाद कोलैबकैडको एआईएम के साथ साझा करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है जिसका उपयोग उन लगभग5000 स्कूलों द्वारा किया जाएगा, जहां अटल टिंकरिंग लैब स्थापित हैं।

उन्‍होंने कहा, “यह एक स्वदेशी त्रिआयामी कंप्यूटर एडेड डिजाइन प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं (यूजर) को वर्चुअल 3डी स्पेस में विभिन्‍न प्रतिरूप (मॉडल) बनाने और शॉप फ्लोर के लिए इंजीनियरिंग ड्रॉइंग तैयार करने में मदद करती है। अत: यह स्मार्ट विनिर्माण के लिए एक सम्‍पूर्ण पैकेज है। छात्रों के लिए इस अवसर का शुभारंभ करने के लिए एआईएम, नीति आयोग के साथ सहयोग करने पर हमें बहुत गर्व हो रहा है।”

इसके अलावा, वर्तमान स्थिति के मद्देनजर, एटीएल कार्यक्रम ने देश भर के बच्चों की इजी-टू-लर्न ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘टिंकल फ्रॉमहोम’अभियानशुरू किया है ताकि वे खुद कोउपयोगी कार्यों में व्‍यस्‍त रखें। इस पहल का उद्देश्यबच्चों को स्‍वयं के प्रयासों से सीखने को प्रोत्‍साहित करते हुए उनकी रचनात्मकता और नवीनता में निखार लाना  है।

एआईएम ने डीईएलएल टेक्नोलॉजीज और लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी करके गेम डेवलपमेंट मॉड्यूल भी लॉन्च किया है। यह एक ऑनलाइन मंच है जहां छात्र घर से ही अभ्‍यास करते हुए अपनी सीखने की यात्रा शुरू कर सकते हैं। मंच के माध्यम से वे अपनी गेम बनाना सीख सकते हैं और उसे दूसरों के साथ साझा भी कर सकते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म छात्रों को ‘गेम प्लेयर’से ‘गेम मेकर’ में बदलने की परिकल्पना करता है।

इसी तरह, ‘टिंकल फ्रॉम होम’अभियान के भाग के तहतकोलैबकैडऔर गेमिंग मॉड्यूल को लॉन्च करके कम उम्र के छात्रों को अपने घर के सुरक्षित वातावरण में सीखने और राष्ट्र निर्माण की यात्रा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

एआईएम के बारे में

नीति आयोगके तहतअटल नवाचार मिशन, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रमुख पहल है। स्कूल स्तर परएआईएमसमूचे भारत के सभी जिलों में एटीएलकी स्थापना कर रही है। आज तक, एआईएमने देश भर के 33 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में एटीएलकी स्थापना के लिए कुल 14,916 स्कूलों का चयन किया है।

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