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कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के साथ जुड़ा अटल टिंकरिंग लैब्स

देश-विदेश

नीति आयोग का अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्ल्यू) देश भर के स्कूली छात्रों के बीच कृषि क्षेत्र से संबंधित नवाचारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक साथ आए हैं। दोनों सरकारी निकाय इस पहल के तहत कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के साथ अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) को जोड़ने पर सहमत हुए हैं। यह सहयोग प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विजन का परिणाम है, जिन्होंने एक बातचीत के दौरान इस विचार को रखा था और एटीएल को देश भर के केवीके के साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया था। प्रधानमंत्री ने इन दोनों सरकारी निकायों को मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को एटीएल स्कूलों से जोड़ने के विचार पर सोचने का सुझाव भी दिया था।

केवीके “कृषि ज्ञान से संबंधित संसाधन और क्षमता विकास केन्द्र की एकल खिड़की” के रूप में कार्य करते हैं और यह सहयोग विभिन्न हितधारकों को आवश्यक जानकारी, प्रशिक्षण और इनपुट प्रदान करेगा। एटीएमए के साथ साझेदारी के क्रम में केवीके कृषि संबंधी नवाचारों का समर्थन करने हेतु आस-पास के एटीएल के साथ सहयोग करेंगे।

सहयोग के इस कदम के कार्यान्वयन के पहले चरण के दौरान, 11 कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों (एटीएआरआई) में से प्रत्येक के तहत एक केवीके शामिल होगा, जो प्रौद्योगिकी बैकस्टॉपिंग प्रदान करेगा और ज्ञान-साझाकरण एवं कौशल-निर्माण संबंधी अभ्यास की सुविधा प्रदान करेगा। केवीके के विशेषज्ञ जरूरत के अनुसार निकट के एटीएल का दौरा भी करेंगे, जबकि केवीके जरूरत के अनुरूप साहित्य, बीज, रोपण सामग्री और अन्य सामग्री मुहैया करायेंगे। दो साल बाद सकारात्मक परिणामों का आकलन करने के पश्चात इस प्रायोगिक परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

इस आयोजन के दौरान बोलते हुए, नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने कहा, “मेरे विचार से यह कदम भारत में कृषि नवाचारों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होने वाला है। इस सहयोग के दो पहलू हैं जिन्हें कई क्षेत्रों में दोहराया जा सकता है। पहला, मौजूदा सरकारी प्लेटफॉर्म को एक उद्देश्य के साथ जोड़ने का विचार। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों और एटीएल को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल आदि के लिए समान रूप से जोड़ा जा सकता है। दूसरे, समाज के सबसे महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले बच्चों को वास्तविक, सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों एवं अवसरों से जोड़ना।”

उन्होंने आगे कहा कि एआईएम और एमओएएंडएफडब्ल्यू दोनों एमओएएंडएफडब्ल्यू में एक त्रैमासिक प्रदर्शनी लगाने पर विचार कर रहे हैं, जहां नवाचार में संलग्न कृषि-छात्रों को अटल इनोवेशन मिशन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एआईएम ने एमओएएंडएफडब्ल्यू द्वारा साझा की गई केवीके और एटीएमए की सूची के आधार पर (11 केवीके में से प्रत्येक और 5 एटीएल तक वाले एटीएमए को मैप करते हुए) 55 एटीएल की मैपिंग की और उनकी सूची साझा की है।

सभा को संबोधित करते हुए, डीए एंड एफडब्ल्यू सचिव श्री मनोज आहूजा ने कृषि की विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में इस सहयोग की क्षमता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस ढांचे के तहत, एमओएएंडएफडब्ल्यू और एटीएल मिलकर समस्या की पहचान करने वाला एक मंच विकसित कर सकते हैं और हैकाथॉन आयोजित कर सकते हैं। उन्होंने कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए “एकीकृत शिक्षण दृष्टिकोण” अपनाने की जरूरत पर बल दिया।

एमओएएंडएफडब्ल्यू के अधिकारियों को अटल टिंकरिंग लैब्स पहल से परिचित कराने के लिए, 12 अप्रैल, 2023 को स्कूलों का एक दौरा आयोजित किया गया। एमओएएंडएफडब्ल्यू के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के साकेत स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में एटीएल लैब का दौरा किया। इस दौरे में उन्हें विभिन्न क्षेत्रों, जिनमें कृषि संबंधी नवाचार शामिल थे, के स्कूली छात्रों द्वारा किए गए नवाचारों को देखने का अवसर मिला। अप्रैल, 2023 के अंतिम सप्ताह में आईसीएआर के लिए इसी तरह की यात्रा की योजना है।

एआईएम और एमओएएंडएफडब्ल्यू के बीच यह सहयोग भारत में कृषि क्षेत्र की वृद्धि और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और अटल इनोवेशन मिशन देश के युवाओं के बीच नवाचार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस बीच नवाचार में संलग्न केवी जनकपुरी, डीएवी वसंत कुंज और एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से संबंधित एटीएल स्कूलों के छात्रों ने भी एटीएल से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया और कृषि के क्षेत्र में किए गए अपने नवाचारों के बारे में बताया।

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