नई दिल्ली: नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) तथा एडोब ने सामूहिक रूप से रचनात्मक कौशल विकसित करने तथा भारत में सभी अटल टिंकरिंग लैबों में डिजिटल साक्षरता के प्रसार के लिए आज नई दिल्ली में आशय वक्तव्य (एसओआई) पर हस्ताक्षर किया।
एसओआई पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की उपस्थिति में अटल नवाचार मिशन के मिशन निदेशक रामनाथन रामनन तथा डिजिटल मीडिया एडोब के ईवीपी तथा जीएम ब्रायन लेमकिन तथा एडोब दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक कुलमीत बावा ने हस्ताक्षर किए।
एडोब अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) पहल के अंतर्गत 100 स्कूलों को गोद लेगी। एटीएल में एडोब डिजिटल दिशा कार्यक्रम लागू करेगी, जिसके अंतर्गत एटीएल को एडोब स्मार्क प्रीमियम का निःशुल्क लाइसेंस पेश किया जाएगा। 2018 में लॉच किए गए एडोब डिजिटल दिशा कार्यक्रम का उद्देश्य रचनात्मक सोच और टेक्नोलॉजी आधारित ज्ञान के बीच आपसी क्रियाकलाप को प्रेरित करना है। एआईएम के साथ इस सहयोग के अंतर्गत इन स्कूलों के बच्चे और शिक्षक तथा समुदाय के लोग रचनात्मक ज्ञान संसाधनों का लाभ उठाएंगे जिससे वह वर्तमान डिजिटल युग में कौशल संपर्क बनेंगे और दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयारी करेंगे।
एटीएल विषय वस्तु के हिस्से के रूप में रचनात्मक उपयों और कौशलों को शामिल करके यह सहयोग भारत में स्कूली बच्चों में आवश्यक डिजिटल कौशल को बढ़ावा देगा और नए भारत के युवा मस्तिष्क में रचनात्मकता की भावना जागृत करेगा।
एआईएम देश में नवाचार तथा उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने का भारत सरकार का अग्रणी कार्यक्रम है। एआईएम के हिस्से के रूप में भारत में 5000 से अधिक स्कूलों में एटीएल स्थापित किए जा रहे है जहां छठी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी समस्या समाधान के उपाय तथा नवाचार कौशल प्राप्त करेंगे और 3डी प्रिंटरों, रोबोटिक्स, छोटे इलेक्ट्रोनिक्स, आईओटी तथा प्रोग्रामिंग जैसी टिंकरिंग टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर नवाचारी समाधान विकसित करेंगे।
अटल टिंकरिंग लैब का दर्शन देश के युवा विद्यार्थियों में नवाचार की पहचान करके उनको बढ़ावा देना है। इस प्रयास में एआईएम ने उद्योग और शिक्षा जगत के विभिन्न साझेदारों के साथ सहयोग किया है। ऐसे सहयोग से भविष्य के कौशल तथा एटीएल प्रणाली की डिजिटल क्षमताओं में गुणात्मक वृद्धि हुई है।