लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है कि बालिकाओं को बेहतर पोषण मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओे’ अभियान के माध्यम से बेटियों को अच्छा वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के एक कथन का जिक्र करते हुए कहा कि पहली आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री माँ यशोदा थीं। इससे आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों का सम्मान स्वतः बढ़ जाता है। देश और समाज की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की समान भागीदारी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां लोक भवन में किशोरी बालिकाओं के लिए योजना-स्कीम फाॅर एडोलेसेन्ट गल्र्स (एस0ए0जी0) के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह की यह पहली योजना है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 53 जनपदों में 11 से 14 वर्ष आयु की, स्कूल न जा पाने वाली बालिकाओं हेतु, टेक होम राशन के रूप में देशी काला चना, अरहर दाल तथा मोटा अनाज (रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का, कोदों, गेहूं) तथा देशी घी दिया जाएगा। इसकी पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नेफेड तथा पी0सी0डी0एफ0 के साथ हस्ताक्षरित एम0ओ0यू0 का इस अवसर पर आदान-प्रदान भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना के द्विपक्षीय लाभ हैं। इससे एक तरफ बालिकाओं को अच्छा पोषण मिलेगा तो दूसरी तरफ किसानों को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास किया जा सकेगा। योजना के लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त मूल्य देकर दलहन की खरीद की जाएगी। इस प्रकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि होगी, जो सरकार की प्राथमिकता भी है। योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में ‘वीरांगना दल’ भी गठित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों आदि का मानदेय बढ़ाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के पूर्व के मानदेय में 1500 रुपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों के पूर्व के मानदेय में 1250 रुपये तथा सहायिकाओं के पूर्व के मानदेय में 750 रुपये की अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। इस अवसर पर उन्होंने सुपोषण गाइड का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 01 लाख 80 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिनके माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह की 08 तारीख को ‘किशोरी दिवस’ भी मनाया जा रहा है। इस वर्ष 08 मार्च से पूरे देश में ‘पोषण पखवाड़ा’ आयोजित किया जाएगा। ‘किशोरी दिवस’ प्रदेश के हर ए0एन0एम0 सब सेण्टर पर आयोजित किया जाएगा। हर बालिका को ‘किशोरी हेल्थ कार्ड’ प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर बालिका की ऊंचाई एवं वजन की माप ली जाए। स्कूल न जाने वाली बालिकाओं को पूर्वान्ह सत्र में ए0एन0एम0 सब सेण्टर पर लाया जाए। 08 मार्च को स्कूल जाने वाली बालिकाओं का स्कूल की छुट्टी के बाद नजदीकी ए0एन0एम0 सेण्टर में हेल्थ चेकअप एवं खून की जांच करायी जाए। उनका बाॅडी मास इण्डेक्स (बी0एम0आई0) तथा खून में हीमोग्लोबिन का स्तर, उन्हें बताया जाए। बालिकाओं की जांच के उपरान्त तदनुसार उन्हें उनके स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता आदि सम्बन्धित मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी जाए। चिकित्सकों और विशेषज्ञों द्वारा उनकी काउन्सिलिंग की जाए। 08 मार्च के 03 माह बाद जुलाई माह में तथा उसके 06 माह बाद जनवरी, 2020 में पुनः इस कार्य को विधिवत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार के प्रयासों से बाल विकास पुष्टाहार विभाग को सही दिशा मिली है। विगत में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से इसे मुक्त कराया गया है। अब यह विभाग पूरी पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों की सेवा कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री जी के ‘एक भारत सशक्त भारत’ के संकल्प को बनाने की दिशा में गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास की दिशा सही हो, इसके लिए आवश्यक है कि इन 01 हजार दिनों में माँ और बच्चे को सही आहार, पोषण तथा स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस आॅन न्यूट्रीशन एण्ड अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेण्ट’ की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में हर आंगनबाड़ी केन्द्र पर प्रत्येक माह 06 सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक माह की 05 तारीख को ‘बचपन दिवस’, 15 को ‘ममता दिवस’, 20 को ‘अन्नप्राशन’, 25 को ‘लाडली दिवस’ तथा 30 तारीख को ‘गोदभराई दिवस’ मनाया जाता है। प्रत्येक तीन माह में एक बार ‘सुपोषण दिवस’ भी आयोजित किया जाता है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने कहा कि किशोरी बालिकाओं के लिए शुरू की गई स्कीम फाॅर एडोलेसेन्ट (एस0ए0जी0) योजना से ऐसी बालिकाएं, जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा पा रही हैं, उन्हें इस योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा।
इस अवसर पर सांसद डाॅ0 महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किशोरी बालिकाओं के संवर्धन के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। प्रमुख सचिव बाल विकास श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।