देहरादून: हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए दून हाट में उत्तराखण्ड के साथ ही पश्चिमी बंगाल, जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं हरियाण के हथकरघा और हस्तशिल्प के बने उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गई है। रविवार को दून हाट में लोगों की खासी भीड़ देखने को मिली, दूनवासियों ने खरीददारी के साथ ही संस्कृति एक सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद लिया।
रविवार को दून हाट में संस्कृति एक सामाजिक संस्था की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मांगल गीत शंभू महादेवा के साथ हुई, जिसके बाद उत्तराखण्ड के लोकगायक गिरिश सनवाल पहाड़ी व लोकगायिका सकुन्तला रमोला द्वारा गढ़वाली व कुमांऊनी गीतों की सुन्दर प्रस्तुतियां दी। दोनों लोकगायकों द्वारा गढ़वाली गीतों में फ्योली जवान हेगे, पारंपरिक कुमाऊंनी चांचरी चकोटे की पार्वती, झपेली गीत हाय हेलो, हाय रितू, बिर्जू भिन्ना, हाय ककड़ी झील मा गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिन गीतों पर स्थानीय कलाकरों सुमित कुमार, रिव पंवार, अनुराग, दीपा, सुनीता व शालू ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किये। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संगीत अनिल नौढियाल, धीरज बिष्ट व किशोर द्वारा दिया गया।
उप निदेशक उद्योग श्रीमती शैली डबराल ने बताया कि दून हाट में लगे हथकरघा और हस्तशिल्प के स्टाॅलों में रविवार को लोगों का अच्छा रूझान देखने को मिला। दून हाट में राज्य के शिल्पियों द्वारा विकसित किये गये विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित की गयी है। उन्होंने कहा कि दूनवासियों को हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना चाहिए और दून हाट पहुंचकर उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं धरोहर को करीब से देखें। यह प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 11 बजे से सांय 6 बजे तक खुली रहेगी।