देहरादून: हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए नावार्ड योजना के अन्तर्गत नवनिर्मित दून हाट में हिमाद्री के साथ ही उत्तराखण्ड के सभी जनपदों के स्थानीय उत्पादों सहित हथकरघा एवं हस्तशिल्प के स्टॉल लगाये गये हैं। उत्तराखण्ड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास परिष्द के अन्तर्गत हिमाद्री ब्रांड नाम से राज्य के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को विपणन किया जाता है। हिमाद्री में बागेश्वर में हाथ से बने तांबे के उत्पाद, खटीमा के मूंज घास के उत्पाद, मुख्य रूप से वुलन, कंण्डाली घास व भीमल के कारपेट जो उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग और अल्मोड़ा के शिल्पियों द्वारा तैयार किये गये बांस व रिंगाल के उत्पाद दून हाट में उपलब्ध है। दून हाट में हथकरघा और हस्तशिल्पियों के बनाये सभी उत्पादों को रखा गया है जो सौ रूपये से लेकर दस हजार तक उपलब्ध हैं।
निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल जी ने बताया कि दून हाट में लगे हथकरघा और हस्तशिल्प के स्टॉलों को लोगों का अच्छा रूझान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दून हाट में राज्य के शिल्पियों द्वारा विकसित किये गये विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है, जहां शनिवार को दून हाट में लोगों का अच्छा रूझान देखने को मिला।
शनिवार को दून हाट में संस्कृति विभाग की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी जिसमें लोकगायक मुकेश शर्मा व इंदु भट्ट द्वारा गढ़वाली व कुमाऊंनी लोकगीतों में कलाकारों द्वारा सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किये गये।