नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज नई दिल्ली में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के लिए ग्रेडेड स्वायत्तता पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित किया। कार्याशाला को संबोधित करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि ‘उत्कृष्टता अर्जित करने के लिए उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के लिए स्वायत्तता महत्वपूर्ण है और सरकार विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ कार्यशाला का आयोजन लगभग 63 विश्वविद्यालयों, जिन्हें ग्रेडेड स्वायत्तता पर यूजीसी विनियमनों के तहत श्रेणी I एवं श्रेणी II में वर्गीकृत किया गया है, के कुलपतियों को एक मंच उपलब्ध कराने के विचार से संयुक्त रूप से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा किया गया। 55 उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिभागियों के अतिरिक्त इस अवसर पर एमएचआरडी, यूजीसी एवं कुछ राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री जावडेकर ने कहा कि ग्रेडेड स्वायत्तता पर यूजीसी का विनियमन एक प्रमुख सुधार है और विश्वविद्यालयों को सार्थक रूप से इस अवसर का उपयोग करना चाहिए। 63 ग्रेडेड विश्वविद्यालयों को ‘सर्वाधिक उत्कृष्ट’ बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपनी स्वायत्तता को बरकरार रखने के लिए उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करते है और इसके द्वारा देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. डी.पी.सिंह ने ग्रेडेड स्वायत्तता पर यूजीसी विनियमनों के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित करते हुए ग्रेडेड स्वायत्तता पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा के सचिव श्री आर. सुब्रमण्यम ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराईं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, गुरू नानक देव विश्वविद्यालय, अलागप्पा विश्वविद्यालय, बिट्स पिलानी, सिम्बॉयोसिस इंटरनेशनल, रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान एवं ओ पी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के कुलपतियों द्वारा ग्रेडेड स्वायत्तता के उद्देश्यों को अर्जित करने के लिए अपने रोडमैप को रेखांकित करते हुए प्रस्तुति दी गई।