नई दिल्ली: पिछले दो हफ्तों में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय प्राणी उद्यान एवं डियर पार्क और ग्वालियर स्थित प्राणी उद्यान में अनेक जंगली पक्षियों की मौत हुई है। इस हफ्ते केरल के अलाप्पुझा जिले से कई बतखों (पालतू पक्षी) की मौत होने की सूचना मिली है। इन सभी मामलों में भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में जांचे गए नमूने एवियन इन्फ्लूएंजा ए एच5एन8 के लिए पॉजिटिव पाए गए।
एवियन इन्फ्लूएंजा ए एच5एन8 से लोगों के स्वास्थ्य पर जोखिम के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, ‘वर्तमान जानकारी के आधार पर पशुजन्य रोग के संचरण के जोखिम को एच5एन8 के लिए कम माना जाता है।’
पर्याप्त सावधानी का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों के स्वास्थ्य विभागों को सलाह दी है कि मृत/बीमार पक्षियों से निपटने वाले लोगों द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए, मृत/बीमार पक्षियों के संपर्क में रह चुके लोगों पर करीबी नजर रखी जानी चाहिए और उन्हें रसायन रोग रोधी यानी कीमोप्रोफाइलेक्सिस (दस दिनों तक हर रोज 75 मिलीग्राम ओसेल्टामिविर) दी जानी चाहिए।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग में एक संयुक्त समन्वय समिति स्थिति पर नजर रख रही है, जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रतिनिधित्व है।
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