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जागरूकता और ज्ञान से बदलेगी किसान की तकदीर: श्री राधा मोहन सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि के विकास और किसानों के लिए मोदी सरकार ने ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले किए है और योजनाएं शुरू की हैं जो देश के किसानों और

कृषि विकास में अहम भूमिका निभाने वाली हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आय बढ़ाने हेतु स्वयं रुचि लेते हुए कई कदम उठाए हैं। इसी उद्देश्य से मोदी सरकार का नया बजट-गांव, गरीब और किसानों पर केंद्रित है। वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने अपने शोध के जरिए ऐसी नई किस्मों की खोज और तकनीक विकसित की हैं जो उत्पादकता को बढाने के साथ साथ किसान की अर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती हैं। जागरूकता और ज्ञान की दृष्टि से 19 मार्च 2016 से दिल्ली में पूसा आईएआरआई स्थिति एक्जिविशन ग्राउंड पर शुरू हो रहा तीन दिवसीय कृषि उन्नति मेला देश के कृषि विकास और किसान कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 19 मार्च, 2016 को प्रात: 11:00 बजे करेंगे मेले का उदघाटन। इस अवसर पर आठ राज्यों को कृषि कर्मण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा।

श्री राधा मोहन सिंह ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कृषि उन्नति मेला अपने आप में ऐतिहासिक है। पहली बार दिल्ली में देश भर से लाखों किसान ऐसे किसी मेले में भाग लेंगे जो सिर्फ कृषि और उससे संबंधित विषयों पर होगा। दिल्ली में लाखों किसानों का इस तरह जुटना इस बात का प्रमाण है कि हमारी सरकार सिर्फ नारों में नहीं बल्कि किसानों के लिए ईमादारी से काम करने में विश्वास करती है। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस मेले के आयोजन का उदेदश्य किसानों को उन योजनाओं, फसलों और नए शोध व टैक्नोलॉजी से अवगत कराना है जो उनके लिए उपयोगी है। देश का किसान मेहनती है लेकिन कई बार जागरूकता न होने की वजह से भी बेहतर परिणाम सामने नहीं आ पाते। हमारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कृषि की उन्नति, किसानों के कल्याण एवं उनके हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। इस मेले में सभी राज्यों के किसानों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों का विशाल समागम एकत्र होगा। आयोजन को क्षेत्रीय भाषाओं में वेबकास्ट के माध्यम से किसानों सहित लाखों हितधारक जिला और विकासखंड स्तर पर पहुंचेंगे। इस बात का प्रयास किया गया है की इस मेले में प्रत्येक प्रखण्ड से कम से कम 2 किसान अवश्य भाग लें।

यह मेला भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एंव भारतीय कृषि अनुंसधान संस्थान पूसा का संयुक्त आयोजन है। भारतीय उद्योग परिसंघ इस विशाल आयोजन का रणनीतिक भागीदार है। इस आयोजन की अनूठी विशेषताओं में विभिन्न फसलों, पशुओं, पक्षियों और मछलियों का जीवित प्रदर्शन और किसानों तथा वैज्ञानिकों के बीच क्षेत्रीय भाषाओं में सीधा संवाद शामिल है। मेले में मुख्य आकर्षणों में से एक चार बड़े प्लाटों में कृषि और बागवानी फसलों, पशुपालन, नवीन प्रौद्योगिकियों और यंत्रीकरण का प्रदर्शन शामिल है जिसे किसान सजीव रूप में देख सकते हैं।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी को दौगुना करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है। इस योजना को प्राप्त करने के लिए हम पांच स्तरों पर मोटे रुप से कार्य कर रहे हैं। पहले स्तर पर हम खेती की लागत को कम करने के लिए एवं अधिक उपज पैदा करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना तथा नीम कोटेड यूरिया योजनाओं को समयबद्ध रुप से लागू कर रहे हैं। इस दिशा में हमारे बागवानी विकास की योजनाएं भी किसानों की कृषि की लागत को कम करने एवं उनकी उत्पादकता को बेहतर बनाने में लाभकारी है। दूसरे स्तर पर हमारा यह प्रयास है कि किसान को अपनी फसल का उचित मूल्य मिले। आपको मालूम ही होगा कि नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट को लागू किया गया है। इस मार्केट के माध्यम से किसानों को अपनी उत्पादकता का उचित मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। तीसरे स्तर पर हमारी सरकार ने कृषि क्षेत्र में जोखिम को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चालू की है। इस योजना में कम प्रीमियम देकर किसान अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। इस मेले में इन अनूठी योजनाओं के प्रावधान हमारे किसानों को इनके लाभ से अवगत कराने के लिए गोष्ठियां रखी गयी है। इसके अतिरिक्त सरकार ने गांवों में रह रही ग्रामीण जनता के लिए सामाजिक सुरक्षा की कई योजनाएं चालू की है। इस मेले के माध्यम से हम अपने किसानों को इन सभी योजनाओं से अवगत कराएंगे। हमारा यह प्रयास है कि इस मेले में विभिन्न गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को सरकार की योजनाओं से अवगत कराया जाए एवं किसानों के सुझाव एवं दृष्टिकोण से सरकार भी अवगत हो सके। मेरा विचार यह है कि एग्रीकल्चर एक्सटेंशन की एक प्रणाली के रुप में हमारे देश में ऐसे मेले बहुत ही उपयोगी रहे हैं। यह कृषि उन्नति मेला किसानों व वैज्ञानिकों के बीच नियमित संवाद की कड़ी को मजबूत करेगा।

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