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विश्वविद्यालय स्तर पर सड़क सुरक्षा माह से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाए: योगेन्द्र उपाध्याय

उत्तर प्रदेश

लखनऊः प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने आज सचिवालय स्थित नवीन भवन के तिलक हाल में उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत के लिए गर्व का विषय है कि इस बार जी-20 सम्मेलन भारत में हो रहा है। इसके लिए 21 जनवरी को रन फार जी-20 दौड़ आगरा, वाराणसी, लखनऊ तथा ग्रेटर नोयडा में आयोजित की जायेगी। इसमें बड़ी मात्रा में कालेज और विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर जी-20 लोगो के साथ थीम का प्रचार-प्रसार किया जाए।
श्री उपाध्याय ने कहा कि युवा ही देश के भविष्य हैं। देश को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी इनके कंधों पर है। राज्य सरकार विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उनका सर्वश्रेष्ठ योगदान देश के निर्माण में करना चाहती है। जी-20 आयोजन के दौरान राज्य सरकार का प्रयास है कि युवा शक्ति के योगदान एवं राज्य के उल्लेखनीय प्रगति को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस माह सड़क सुरक्षा माह का भी आयोजन किया जा रहा है। अतः सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम भी विश्वविद्यालयों में आयोजित किये जाए।
श्री उपाध्याय ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय शासन की मंशानुसार शैक्षणिक कैलेण्डर का कड़ाई से पालन करें, साथ ही नकल विहीन परीक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायें। परीक्षा के दौरान जनपद अथवा विश्वविद्यालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम बनाकर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों की प्रभावी निगरानी की जाए। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर संदिग्ध केन्द्रों पर ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जाए। परीक्षा के दौरान किसी भी अनियमितता पर संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए उचित कार्रवाई की जाए। सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालय तकनीक के प्रयोग को प्रोत्साहित करें, छात्रों को प्रमाण-पत्रों के संरक्षण हेतु डिजीलाकर के प्रयोग को प्रोत्साहित किये जाए। जनहित गारण्टी के सभी बिन्दुओं के प्रभावी कार्यन्वयन हेतु आवश्यक कदम उठाया जाए।
श्री उपाध्याय ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा में सकारात्मक बदलावा ला रही है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सूचनाओं का समुचित संकलन किया जाए, एकेडमिक बैंक आफ क्रेेडिट की व्यवस्था की जाये तथा सभी विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रेरणा लेते हुए नैक मूल्यांकन में अच्छी रेटिंग प्राप्त करने हेतु प्रयास करें।
श्री उपाध्याय ने कहा कि सरकार युवाओं, कर्मचारियों व शिक्षकों के हितों को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग में समूह-ग के पदों को भरने हेतु शीघ्र अधियाचन भेजने की कार्यवाही नियमानुसार की जाये तथा कर्मचारियों के पदोन्नति की प्रक्रिया को जल्दी पूरा किया जाये। सभी विश्वविद्यालय नियमानुसार अपने यहां रिक्त शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों को भरने की कार्यवाही शीघ्रता से करें तथा लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी की जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्माणाधीन महाविद्यालयों के कार्यों में तेजी लाई जाए तथा मा0 न्यायालय में उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण हेतु प्रभावी पैरवी की जाये। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग जनता से जुड़ा विभाग है और इसमें प्रबुद्ध वर्ग कार्य करता है। ऐसे में जनता विभाग से अच्छे कार्यों की ही अपेक्षा रखती है। इसलिए हम सभी को विभागीय कार्यों को पूरे मनोयोग से करना चाहिए। उन्होंने बैठक में आये सभी अधिकारियों से कहा कि आज की बैठक में दिये गये निर्देशों के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने हेतु शीघ्र ही पुनः समीक्षा बैठक की जायेगी।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 को प्रोत्साहित करने के लिए महाविद्यालयों को जागरूक किया जाए।
बैठक में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा परिषद श्री मुकुल चतुर्वेदी, श्री अनुराग शर्मा, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री सुधीर एम बोबडे, विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री अखिलेश मिश्रा, निदेशक उच्च शिक्षा श्री अमित भारद्वाज सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, वित्त नियंत्रक तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मौजूद थे।

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