लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ट्रेडीशनल मेडिसिन के क्षेत्र में भारत ने लंबी छलांग लगाई है। विगत साढ़े 9 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की यह यात्रा शानदार तरीके से आगे बढ़ रही है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी आदि विधाओं को सम्मिलित कर देश में आयुष मंत्रालय का गठन हुआ। आयुष मंत्रालय के गठन के पश्चात ट्रेडीशनल मेडिसिन को नई पहचान देने की पहल प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में प्रारम्भ की थी, इसके बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आज का कार्यक्रम देश और प्रदेश में प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुसार आयुष पद्धति को मजबूत करने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया द्वारा चयनित 393 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 10 नव चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट को नियुक्ति पत्र वितरित किए। नवचयनित 06 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट ने प्रदेश में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुर्वेद पहले से ही हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है। योग भारत की प्राचीन परंपरा से जुड़ा रहा है। होम्योपैथी का उपयोग गांव में किसी न किसी रूप में होता रहा है। देश के कुछ क्षेत्रों में होम्योपैथी, सिद्धा, यूनानी आदि विधाओं के प्रति लोगों के मन में जिज्ञासा रहती थी और लोग उपलब्धता के अनुसार इन विधाओं का उपयोग करते थे। भारत की परम्परागत योग की विधा को वैश्विक मान्यता प्राप्त हुई है। दुनिया के लगभग 190 से अधिक देश 21 जून को योग की परम्परा के साथ जुड़ते हैं। योग के साथ जुड़ने का मतलब भारत की ऋषि परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना है। कोविड कालखण्ड में प्रत्येक जगह आयुष काढ़े का उपयोग हुआ। विपत्ति के समय यह देश-दुनिया के प्रत्येक परिवार का हिस्सा बना। यह घर के अंदर ही प्राप्त होने वाली औषधि है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 के पश्चात आयुष के क्षेत्र में तेजी से कार्य होना प्रारम्भ हुआ। आज इसी का परिणाम है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश इस दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। आयुष की अलग-अलग विधाओं में डिग्री और डिप्लोमा के कोर्सेज प्रारम्भ करने के लिए प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना भी हुई। ट्रेडीशनल मेडिसिन को प्रोत्साहित करने के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि और लंबी छलांग है। योग व वेलनेस सेंटर, यूनानी और सिद्धा से जुड़े कॉलेज, होम्योपैथी कॉलेज, आयुर्वेद कॉलेज इसके उदाहरण हैं।
वर्ष 2014 से पूर्व होम्योपैथिक व आयुर्वेद फार्मासिस्ट के लिए सरकारी व्यवस्था में नौकरी नहीं थी, लेकिन अब यह व्यवस्था की जा चुकी है। 05 हजार की आबादी पर एक आयुर्वेद, योग और वेलनेस सेंटर के लिए कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रदेश इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में आयुष में सर्वाधिक संभावनाएं हैं। दुनिया आयुष की ओर आकर्षित हो रही है, इसके अनुरूप वातावरण देना हमारा दायित्व है। आज 393 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट की नियुक्ति इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह आयुष विधा को आमजन की सम्पूर्ण आरोग्यता के लिए उपलब्ध कराने हेतु डबल इंजन सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। इससे पूर्व आयुर्वेद से जुड़े हुए पैरामेडिक्स को भी नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराए गए थे। अन्य विधाओं से सम्बन्धित भी इस प्रकार के कार्यक्रम चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मान्यता प्राप्त शासकीय व्यवस्था के अंतर्गत दिए गए डिग्री और डिप्लोमा को प्रदेश में मान्यता प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में भी इस प्रकार के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स प्रदान करने की दिशा में प्रदेश सरकार आयुष विद्यालयों व निदेशालय के माध्यम से प्रयास कर रही है। जिससे प्रदेश में हेल्थ और वेलनेस सेंटर का संचालन किया जा सके व ट्रेंड मैनपॉवर उपलब्ध हो सके। इस प्रयास के क्रम में हम सभी यहां उपस्थित हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कैरियर बनाने और उत्तम आरोग्यता के लिए ट्रेडीशनल मेडिसिन को प्रोत्साहित करें। इस दिशा में प्रयास करते हुए, लोगों को इसके लिए प्रेरित करें। इसके माध्यम से उत्तम आरोग्यता प्राप्त होने में मदद मिलेगी। नागरिक कर्तव्यों का पालन करते हुए आयुष से जुड़े हुए चिकित्सक शोध और विकास के कार्य को आगे बढ़ाने में योगदान दें। इस विधा से जुड़े हुए पैरामेडिकल स्टाफ की भी एक बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वह इस कार्य में बैकबोन बनकर बड़ी भूमिका का निर्वहन करें। नवचयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट, रोगी, रोग की प्रकृति, लक्षण, पृष्ठभूमि से संबंधित जानकारी को अपनी डायरी में नोट करेंगे तो अच्छा खासा डाटा उपलब्ध होगा। यह अनुसंधान के लिए बेस तैयार करेगा। यह अनुसंधान लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनेगा।
मुख्यमंत्री जी ने नवचयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट से कहा कि जिस स्थान पर नियुक्ति की जाए उस स्थान पर रहकर पूरे मनोयोग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। अतिरिक्त समय देकर यदि कार्य करेंगे तो कैरियर बनाने के लिए जिस विधा का चयन किया है, उसके प्रति यह आपकी कृतज्ञता होगी। यदि कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन नहीं करेंगे और मरीज के साथ आपका व्यवहार ठीक नहीं होगा तो यह न केवल कर्तव्यों के प्रति कृतघ्नता होगी बल्कि अन्य लोगों को हतोत्साहित करने वाला कार्य भी होगा।
परेशानियों के कारण मरीज अपनी खिन्नता व्यक्त कर सकता है लेकिन आपको सदैव मरीजों एवं उनके परिजनों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। अच्छा व्यवहार मरीज की आधे से ज्यादा समस्या का समाधान कर सकता है। यदि व्यवहार सद्भावना पूर्ण व सहानुभूति पूर्ण है तो मरीज की आधी बीमारी स्वयं ही दूर हो जाती है। बीमारी शारीरिक अस्वस्थता के साथ-साथ मानसिक भी है। मानसिक बीमारी का उपचार आपका व्यवहार है। सद्व्यवहार पूर्वक किए गए उपचार से दवा शीघ्रता से मरीज पर असर करेगी। जिसके प्रतिफल में मरीज आशीर्वाद देगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औपचारिकता से कार्य करने से व्यवस्थाएं नहीं चलतीं। अधिकारों के उपयोग के साथ-साथ कर्तव्यों का निर्वहन करना भी आवश्यक है। अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण समाज, राष्ट्र और व्यवस्था के लिए कर्तव्य होने चाहिए। जिस दिन भारत का हर नागरिक अपने अधिकारों को गौण कर अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो जाएगा तो भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनने से कोई नहीं रोक सकता। भारत दुनिया की महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पारदर्शी चयन प्रक्रिया संचालित कर रहा है। जिस प्रदेश में लोक सेवा आयोग के परिणाम को आने में 2 साल लगते थे, अब 06 से 09 माह में परिणाम आ रहे हैं। प्रदेश के युवाओं को नौकरियां प्राप्त हो रहीं हैं। शिक्षकों की चयन प्रक्रिया भी पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाई गई है। इसी का परिणाम है कि विगत 06 वर्षों में प्रदेश के लगभग 06 लाख युवाओं को विभिन्न सेवाओं में नौकरी प्रदान की गई है। यदि यह 06 लाख युवा पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो प्रदेश विकास के नए आयाम को प्राप्त करेगा। इतनी नियुक्तियां कभी नहीं हुईं। प्रदेश की सभी भर्ती संस्थाएं पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से भर्ती प्रक्रियाएं पूरी कर रही हैं। प्रदेश रोजगार सृजन का गंतव्य बना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश निवेश के एक बेहतरीन गंतव्य के रूप में उभरा है। फरवरी, 2023 में आयोजित यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लगभग 38 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। 38 लाख करोड़ रुपए का निवेश जब जमीनी धरातल पर उतरेगा तो एक करोड़ से अधिक युवाओं को प्रदेश में नौकरी प्राप्त होगी। कल भदोही में इंटरनेशनल कारपेट एक्सपो का आयोजन किया गया। देश से 17 हजार करोड़ रुपए के कारपेट निर्यात किए जाते हैं, इनमें से 10 हजार करोड़ रुपए के कारपेट केवल उत्तर प्रदेश के भदोही मिर्जापुर और वाराणसी जनपदों से निर्यात किए जाते हैं। प्रदेश का हस्तशिल्पी और कारीगर हैंडमेड कारपेट बना रहा है। वे बहुत लगन से कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वही प्रदेश है जहां पहले दंगे होते थे। आज प्रदेश तेजी के साथ विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बन रहा है। प्रदेश में अवसंरचना विकास के साथ-साथ रोजगार की संभावनाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार को कड़े कदम उठाने पड़े। कानून व्यवस्था की स्थिति को अच्छा करना पड़ा। प्रदेश में व्यापक सुधार करने पड़े व नीतियां बनानी पड़ीं। प्रदेश सरकार के प्रयासों के साथ जब समाज का आशीर्वाद जुड़ता है, तो सफलता प्राप्त होने में देर नहीं लगती है। आज का कार्यक्रम इसी सफलता का हिस्सा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश में होम्योपैथी व आयुर्वेद का अभूतपूर्व विकास हुआ है। विगत 06 वर्षों के प्रयासों से यह विधा प्रदेश के जन-जन तक पहुंचने में सफलता प्राप्त हुई है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, तनाव जैसे रोगों की चिकित्सा योग और नेचुरोपैथी की विधा से की जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान विगत वर्षों में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में हुए गुणात्मक परिवर्तन और योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्धता पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती लीना जौहरी, निदेशक होम्योपैथी प्रो0 अरविन्द कुमार वर्मा, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।