नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों का लचीलापन, खासकर ग्रामीण इलाकों में आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) के निरंतर संचालन और कोविड -19 की रोकथाम तथा उपचार के तत्काल कार्यों को पूरा करने के साथ ही ग़ैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतर पूर्ति किए जाने के रूप में साफ दिखा।
कोविड महामारी की अवधि (जनवरी से जुलाई 2020 के बीच)के भीतर ही अतिरिक्त 13,657 स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्र संचालित किए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिकों की बड़ी संख्या तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सके। 24 जुलाई, 2020 तकदेश के विभिन्न हिस्सों में कुल 43,022 स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रकार्यरत हैं।
आयुष्मान भारत-एचडब्ल्यूसी द्वारा प्रदान की जा रही स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों से 18 जुलाई से 24 जुलाई तक वाले सप्ताह मेंकुल 44.26 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं। आयुष्मान भारत –एचडब्ल्यूसी की स्थापना (यानी 14 अप्रैल 2018) के बाद से स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों से अब तक कुल 1923.93 लाख लोगों ने लाभ उठाया। यह समाज में स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों के मूलभूत कार्य का एक प्रमाण है। इन केंद्रों ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि गैर-कोविड आवश्यक सेवाओं में कोई बाधा न आने पाए और ये सेवाएं उन्हें निरंतर मिलती रहें।
पूरे भारत में आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों में पिछले सप्ताह 32,000 योग सत्र आयोजित किए गए थे। इसकी स्थापना के बाद से अब तक एचडब्ल्यूसी द्वारा कुल 14.24 लाख योग सत्र संचालित किए गए हैं।
इसके अलावा, स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्र गैर-संचारी रोगों के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में, 3.83 लाख लोगों की उच्च रक्तचाप के लिए, 3.14 लाख लोगों की मधुमेह के लिए, 1.15 लाख लोगों की मौखिक कैंसर के लिए, 45,000 लोगों की स्तन कैंसर के लिए और 36,000 लोगों की ग्रीवा (सर्वाइकल) के कैंसर के लिए जांच की गई। अपनी स्थापना के बाद से एचडब्ल्यूसी ने 4.72 करोड़ लोगों की उच्च रक्तचाप के लिए, 3.14 करोड़ लोगों की मधुमेह के लिए, 2.43 करोड़ लोगों की मौखिक कैंसर के लिए, 1.37 करोड़ लोगों की स्तन कैंसर के लिए और 91.32 लाख लोगों की ग्रीवा (सर्वाइकल) के कैंसर के लिए जांच कराई है।
कोविड महामारी के दौरान आयुष्मान भारत -स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्र बहुत उपयोगी साबित हुए हैं क्योंकि गैर-संचारी रोगों के लिए उनकी जनसंख्या-आधारित परीक्षण से राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को पुरानी बीमारियों और कमजोर,सह-रुग्ण लोगों की एक सूची मिल गई जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाया जाना है। सह-रुग्णता वाले लोगों का तेजी से परीक्षण और उन्हें संक्रमण से सुरक्षा के लिए सलाह प्रदान करने की इन केंद्रों की क्षमता ने लोगों का विश्वास जीता है। एचडब्ल्यूसी टीमों द्वारा उन जगहों पर टीकाकरण के सत्रों का आयोजन किया गया जहां टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के रोगियों को आवश्यक दवाओं की डिलीवरी के अलावा गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकीय जांच सुनिश्चित की जाती है।